CG Sharab Ghotala: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर में पेश होंगे। उनसे शराब घोटाला मामले में पूछताछ की जाएगी। यह कार्रवाई 10 मार्च को ईडी द्वारा की गई छापेमारी के बाद की गई है, जिसमें 33 लाख रुपये और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए थे।
छापेमारी और बरामदगी
10 मार्च को ईडी ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के निवास सहित एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 33 लाख रुपये नकद और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए, जिनमें मंतूराम केस से संबंधित एक पेन ड्राइव भी शामिल थी। इन दस्तावेजों की जांच के लिए ईडी ने चैतन्य बघेल को समन जारी किया था।
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क्या है शराब घोटाला?
शराब घोटाला मामला छत्तीसगढ़ की पूर्व भूपेश बघेल सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार से जुड़ा है। आयकर विभाग ने 11 मई, 2022 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत और अवैध दलाली के जरिए बड़े पैमाने पर धन की हेराफेरी की गई। इस मामले में पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और सीएम सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं।
ईडी की जांच और चार्जशीट
ईडी ने 18 नवंबर, 2022 को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत इस मामले में केस दर्ज किया था। जांच के बाद ईडी ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की, जिसमें 2161 करोड़ रुपये के घोटाले का जिक्र किया गया। ईडी ने आरोप लगाया कि आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ और अनवर ढेबर के नेतृत्व में एक सिंडिकेट ने अवैध वसूली की।
घोटाले की मुख्य बातें
- 2017 की आबकारी नीति:2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL (Chhattisgarh State Marketing Corporation Limited) के जरिए शराब बेचने का प्रावधान किया गया।
- अनवर ढेबर की भूमिका:2019 के बाद अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का प्रबंध निदेशक (MD) नियुक्त कराया।
- सिंडिकेट का नेटवर्क:अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट ने भ्रष्टाचार किया।
- गिरफ्तारी:इस मामले में ईडी ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था।
चैतन्य बघेल की भूमिका
ईडी का मानना है कि चैतन्य बघेल का इस घोटाले में हाथ है। छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों और पेन ड्राइव में मिली जानकारी के आधार पर ईडी ने उन्हें समन जारी किया है। चैतन्य से पूछताछ के दौरान इन दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति को गर्मा दिया है। भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। उनका कहना है कि यह सरकार द्वारा विपक्ष को प्रताड़ित करने की कोशिश है। वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया है कि भूपेश सरकार के दौरान भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया।