Surguja Diarrhea Outbreak: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के लुंड्रा ब्लॉक अंतर्गत चिरगा पंचायत के बेवरापारा गांव में डायरिया का प्रकोप फैल गया है। इस गांव में विशेष पिछड़ी जनजाति (Particularly Vulnerable Tribal Group) के पहाड़ी कोरवा (Pahadi Korwa) समुदाय के 14 ग्रामीण डायरिया से पीड़ित पाए गए हैं, जबकि एक 60 वर्षीय महिला की मौत हो गई है। इस खबर के सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया और तुरंत कार्रवाई शुरू की गई।
बीएमओ डॉ. राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में स्वास्थ्य अमला गांव पहुंचा
सोमवार को जब गांव में डायरिया फैलने की सूचना स्वास्थ्य विभाग को मिली, तो धौरपुर के बीएमओ (BMO) डॉ. राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में स्वास्थ्य अमला गांव पहुंचा। मृतक महिला पहले से बीमार थी और डायरिया की चपेट में आने के बाद उसकी स्थिति और बिगड़ गई। वहीं जांच में सामने आया कि 14 अन्य ग्रामीणों में भी डायरिया के लक्षण मिले।
स्वास्थ्य टीम ने तत्काल प्राथमिक उपचार करते हुए 11 मरीजों को धौरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC Dhouarpur) में भर्ती कराया। राहत की बात यह रही कि इनमें से तीन मरीजों को मंगलवार शाम तक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।
बाकी मरीजों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। डॉ. चौबे ने बताया कि किसी की स्थिति गंभीर नहीं है और सभी का इलाज निरंतर जारी है।
दूषित भोजन और संदिग्ध पेयजल को माना जा रहा कारण
डायरिया फैलने का प्राथमिक कारण दूषित भोजन और संदिग्ध पेयजल को माना जा रहा है। गांव में स्वच्छता और साफ-सफाई की कमी को भी एक कारण के रूप में देखा जा रहा है। घटना की सूचना मिलने पर सरगुजा कलेक्टर डॉ. विलास भोसकर (Collector Dr. Vilas Bhonskar) खुद मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
डॉ. भोसकर ने निर्देश दिए हैं कि गांव में पीने के पानी की व्यवस्था को सुधारा जाए और क्लोरीनेशन की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए। वहीं, जिला प्रशासन ने पेयजल के स्रोतों की सफाई कराने के भी निर्देश दिए हैं ताकि दोबारा ऐसी स्थिति न बने।