अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में राज्योत्सव कार्यक्रम के दौरान जमकर बवाल होने का मामला सामने आया है। यहां कला केंद्र में हुए कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की अनदेखी को लेकर उनके समर्थकों ने हंगामा कर दिया।
बहस भी देखने को मिली
दरअसल छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े शामिल हुए थे। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष डॉक्टर जेपी श्रीवास्तव और प्रदेश महामंत्री द्वितेंद्र मिश्रा भी पहुंचे, इन दोनों नेताओं को मंच पर जगह ही नहीं दी गई, जिससे दोनों नेता भड़क गए और नाराज होने लगे। इस दौरान प्रशासन और कांग्रेस के नेताओं के बीच भी बहस भी देखने को मिली, वहीं कांग्रेस पदाधिकारियों ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने का आरोप भी लगाया। इधर स्वास्थ्य मंत्री के करीबी विधायक डॉक्टर प्रीतम राम ने कहा कि जल्द ही आपस में चर्चा करके नाराजगी को दूर किया जाएगा। बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब टीएस सिंह देव के समर्थकों की उपेक्षा हुई हो। इससे पहले हुए राज्योत्सव में भी यही हाल देखने को मिला था।
कार्यक्रम का बहिष्कार
जानकारी के अनुसार अम्बिकापुर में आयोजित राज्योत्सव के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। वही कांग्रेसियो ने कहा कि स्थानीय विधायक व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव का एक बार भी नाम नहीं लिया गया। साथ ही प्रदेश स्तर के नेताओं को मंच पर जगह भी नहीं दी गई। वहीं प्रशासन और कांग्रेस के नेताओं के बीच भी बहस भी देखने को मिली। इधर कांग्रेस पदाधिकारीयों ने प्रोटोकाल पालन नही करने का भी आरोप लगाया गया।
गुस्साई नगर पालिका अध्यक्ष जमीन पर ही बैठ गईं
इधर मनेंद्रगढ़ में भी मंच पर जगह नहीं मिलने से गुस्साई नगर पालिका अध्यक्ष प्रभा पटेल जमीन पर ही बैठ गईं। दरअसल स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश के हर जिलों में राज्योत्सव कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। इसी कड़ी में मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि विधायक विनय जायसवाल शामिल हुए थे। इसके अलावा मनेंद्रगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष प्रभा पटेल को भी बुलाया गया था, जो अपने सभी कांग्रेस पार्षदों के साथ कार्यक्रम में गई थीं। लेकिन कुछ समय बाद वह जमीन पर बैठ गईं। उनके साथ कांग्रेस के सभी पार्षद भी बैठ गए। प्रभा ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि उन्हें मंच में जगह नहीं दी गई, और ना ही बैनर पोस्टर में फोटो लगाई। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए और प्रभा पटेल को समझाया। आखिरकार विधायक की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।