Raipur Central Jail: रायपुर की केंद्रीय जेल से एक गंभीर और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। हत्या के मामले में जेल में बंद विचाराधीन कैदी मोहम्मद सदाफ़ (Mohammad Sadaf) की मौत हो गई है। परिवारवालों का आरोप है कि वह पिछले तीन महीने से बीमार था, लेकिन जेल प्रशासन ने उसकी गंभीर हालत के बावजूद इलाज कराने में लापरवाही बरती।
मृतक के भाई राजा का कहना है कि सदाफ को लगातार सीने में दर्द रहता था और उसने कई बार जेल प्रशासन से इलाज की गुहार लगाई थी। लेकिन हर बार उसे केवल “गैस की दवा” देकर टाल दिया गया। परिजन कई बार जेलर से मिलकर उसे अस्पताल में भर्ती कराने की मांग करते रहे, लेकिन उनकी बातें अनसुनी कर दी गईं।
प्रशासन ने नहीं दिखाई गंभीरता
परिजनों ने बताया कि मोहम्मद सदाफ़ की हालत ऐसी थी कि उसे मेकाहारा (MECAHARA) जैसे बड़े सरकारी अस्पताल में तुरंत इलाज की जरूरत थी, लेकिन जेल प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अगर समय पर उचित चिकित्सा सुविधा दी जाती, तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।
इस लापरवाही के चलते अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या रायपुर केंद्रीय जेल में कैदियों की सेहत को लेकर प्रशासन गंभीर है या नहीं। क्या कैदियों को सिर्फ सजा काटने के लिए छोड़ा गया है, या उनके अधिकारों का भी ध्यान रखा जा रहा है?
परिजनों ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
मौत के बाद मोहम्मद सदाफ़ के शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। लेकिन अब परिवार न्याय की मांग कर रहा है। भाई राजा का कहना है कि जेल प्रशासन की लापरवाही ने एक जिंदगी छीन ली और अब इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि आगे किसी और कैदी की जान ऐसे ही न जाए।