CG Bharatmala Project Scam: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Raipur) में भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) से जुड़े बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग (EOW) ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है।
इसके पहले शुक्रवार को ईओडब्ल्यू ने रायपुर, नया रायपुर, दुर्ग-भिलाई, आरंग, बिलासपुर सहित कई जिलों में 16 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं।
कहां-कहां हुई छापेमारी?
ईओडब्ल्यू ने इस कार्रवाई में अमरजीत सिंह गिल, हरजीत सिंह खनूजा, जितेंद्र कुमार साहू, दिनेश कुमार साहू, निर्भय कुमार साहू (SDM) समेत कुल 16 अधिकारियों और प्राइवेट व्यक्तियों के ठिकानों पर रेड डाली। छापेमारी के दौरान ठेकेदारों, जमीन दलालों, पटवारियों और तहसीलदारों के घरों से मिले दस्तावेज जांच में बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
शुरुआती जांच में 43 करोड़ का घोटाला आया था सामने
जांच में सामने आया है कि भारतमाला परियोजना के तहत अधिग्रहित जमीन पर फर्जी दस्तावेज बनाकर एक-एक प्लॉट पर छह-छह लोगों के नाम से मुआवजा निकाला गया। इस तरीके से करोड़ों रुपए की सरकारी राशि का गबन कर लिया गया। शुरुआती जांच में 43 करोड़ का घोटाला सामने आया था, लेकिन अब यह आंकड़ा 220 करोड़ रुपए तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।
कौन-कौन आरोपी?
गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में पटवारी, तहसीलदार और एसडीएम स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इनके अलावा कुछ ठेकेदार और जमीन दलाल भी ईओडब्ल्यू की रडार पर हैं। आरोपियों से पूछताछ जारी है और आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
चरणदास महंत ने की थी CBI जांच की मांग
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत (Charan Das Mahant) ने इस घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को पत्र लिखकर सीबीआई जांच (CBI Inquiry) की मांग की थी।
विधानसभा के बजट सत्र में भी महंत ने इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnudev Sai) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जांच का जिम्मा ईओडब्ल्यू को सौंपा गया।
क्या है भारतमाला परियोजना?
भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) तक 950 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है। इसमें रायपुर से विशाखापट्टनम तक फोर लेन और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क का निर्माण प्रस्तावित है।
इसके लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई, लेकिन अब तक कई किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका है। इसी गड़बड़ी के चलते इतना बड़ा घोटाला सामने आया है।
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