Raipur SRIMSR Bribery Case: नवा रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज (SRIMSR) को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) से हरी झंडी दिलाने के लिए कथित तौर पर 55 लाख रुपए की रिश्वत हवाला के जरिए दी गई। इस बड़े घोटाले का खुलासा केंद्रीय जांच ब्यूरो ( CBI) ने मंगलवार को किया। जांच एजेंसी ने इस केस में तीन डॉक्टर समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
इनको किया गया गिरफ्तार?
गिरफ्तार लोगों में डॉ. मंजप्पा सीएन (Dr. Manjappa CN), डॉ. चैत्रा एमएस (Dr. Chaitra MS), डॉ. अशोक शेलके (Dr. Ashok Shelke), SRIMSR के निदेशक अतुल कुमार तिवारी (Atul Kumar Tiwari), हवाला ऑपरेटर सथीशा ए (Sathisha A) और रविचंद्र के (Ravichandra K) शामिल हैं। CBI ने सभी को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 5 दिन की रिमांड मिली है। अब सात जुलाई तक पूछताछ चलेगी।
कैसे हुआ खुलासा?
CBI को इस घूसखोरी की जानकारी गुप्त स्रोतों से मिली थी। इसके बाद एजेंसी ने कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश में एक साथ 40 जगह छापा मारा। छापेमारी के दौरान हवाला के जरिए दिए जा रहे पूरे 55 लाख रुपए बरामद हुए। डॉ. चैत्रा एमएस के पति रविन्द्रन से 16.62 लाख और सथीशा ए से 38.38 लाख रुपए बरामद किए गए।
कैसे हुई साजिश?
30 जून 2025 को NMC की चार सदस्यीय टीम SRIMSR का निरीक्षण करने पहुंची थी। डॉ. मंजप्पा सीएन (जो कर्नाटक के मंड्या मेडिकल साइंसेज इंस्टिट्यूट में प्रोफेसर हैं), डॉ. चैत्रा एमएस और डॉ. अशोक शेलके ने कॉलेज डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी के साथ मिलकर रिपोर्ट सही देने के लिए घूस की डील फाइनल की। डॉ. मंजप्पा ने हवाला ऑपरेटर को फोन कर सथीशा ए. को रकम इकट्ठा करने को कहा। फिर तय प्लान के मुताबिक रकम बेंगलुरु में डिलीवर की गई।
बचाव पक्ष की दलील
वहीं, बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि डॉक्टर्स निर्दोष हैं और उन्हें फर्जी तरीके से फंसाया गया है। वकील के मुताबिक डॉक्टर्स ने ईमानदारी से निरीक्षण किया था लेकिन CBI ने जबरदस्ती रिश्वत लेने का आरोप लगा दिया। फिलहाल CBI पूछताछ में जुटी है और जरूरी दस्तावेज और डिजिटल सबूत भी जब्त किए गए हैं।
क्यों है मामला अहम?
चिकित्सा शिक्षा में भ्रष्टाचार को लेकर यह मामला बड़ा माना जा रहा है। अगर जांच में दोष साबित हुआ तो मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण की प्रक्रिया पर बड़ा सवाल खड़ा होगा। साथ ही NMC जैसी शीर्ष संस्था की साख भी दांव पर है।
CBI ने कहा- जांच जारी
CBI का कहना है कि घूसखोरी का नेटवर्क बड़ा हो सकता है। इसलिए आगे भी पूछताछ, दस्तावेजी जांच और बैंक खातों की पड़ताल जारी रहेगी।
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