कलेक्टर को एक संयुक्त शिकायत पत्र सौंपा
बालोद जिले (CG News) के ब्लॉक एसडीएम ने कलेक्टर को एक संयुक्त शिकायत पत्र सौंपा, जिसमें ड्राइवर कमल किशोर गंगराले की अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है। शिकायत में कहा गया है कि ड्राइवर अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सम्मानजनक संबोधन नहीं देता, बल्कि सीधे नाम लेकर पुकारता है।
इसके अलावा, ड्राइवर सिगरेट पीने के बाद गाड़ी में बैठता है, जिससे महिला अधिकारियों को असहजता होती है। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि ड्राइवर बिना अनुमति के छुट्टी लेता है और अपनी मर्जी से काम करता है। एसडीएम ने कलेक्टर से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।
महिला एसडीएम को फंसाने का आरोप
ड्राइवर कमल किशोर ने महिला एसडीएम प्राची ठाकुर की अनुमति के बिना उनके हस्ताक्षर सरकारी गाड़ी की डीजल पर्ची पर कर दिए। इसके अलावा, उसने सरकारी गाड़ी खराब होने का बहाना बनाकर अधिकारी की निजी गाड़ी में डीजल डलवाया और फिर अधिकारी पर सरकारी सुविधा के दुरुपयोग का झूठा आरोप लगाया।
ड्राइवर ने मीडिया में जाकर बयान देकर महिला एसडीएम की छवि खराब करने की कोशिश की। इस मामले के बाद, ड्राइवर को गुरूर से हटाकर जिला कार्यालय में अटैच कर दिया गया है।
एसडीएम के पास होती है इतनी पावर
जिला प्रशासन में एसडीएम का पद अत्यधिक महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी भरा होता है। एसडीएम के पास राजस्व शाखा की जिम्मेदारियों के साथ-साथ मजिस्ट्रियल पावर भी होती है, जिससे वे कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उनके अधीन तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आरआई, पटवारी जैसे अधिकारी कार्यरत होते हैं। लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति में पुलिस भी एसडीएम के निर्देशों पर कार्रवाई करती है। अक्सर धरना प्रदर्शन के बाद एसडीएम को ज्ञापन सौंपे जाते हैं, जो उनके महत्व को दर्शाता है।
इस प्रकार, एसडीएम की भूमिका राजस्व, कानून व्यवस्था, और राजनीतिक प्रदर्शनों में महत्वपूर्ण होती है, जिससे जिले के प्रशासन में उनका योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।
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