CG News: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी सहयोगी केके श्रीवास्तव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। रायपुर पुलिस ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर 10,000 रुपये का इनाम रखा है। रायपुर SSP ने इस मामले में आयकर विभाग को भी पत्र लिखा है। केके श्रीवास्तव अरबों रुपये के कथित लेनदेन के मामले में जांच एजेंसियों के निशाने पर आ सकते हैं। उनके खिलाफ राजधानी के तेलीबांधा थाने में 8 अगस्त को मामला दर्ज किया गया था।
केके श्रीवास्तव पर ये आरोप
केके श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने कांग्रेस सरकार में स्मार्ट सिटी सहित अन्य काम दिलाने के नाम पर एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान से लगभग 15 करोड़ रुपये की ठगी की। जांच में पता चला है कि श्रीवास्तव ने पांच बैंक खातों के माध्यम से पैसे लिए हैं, और यह मामला केवल 15 करोड़ रुपये तक सीमित नहीं है, बल्कि 500 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन से जुड़ा है, जो फर्जी कंपनियों में ट्रांसफर किया गया है।
पिछली सरकार में काफी प्रभावशाली रहे थे केके
रोचक बात यह है कि जिन खातों में पैसे लिए गए हैं, वे ऐसे व्यक्तियों के नाम पर हैं जिनका बैकग्राउंड कमजोर है। केके श्रीवास्तव को फरार घोषित करने के बाद रायपुर पुलिस ने 10,000 रुपये के इनाम की घोषणा की है। पुलिस ने फरार आरोपियों की जानकारी के साथ यह भी कहा है कि जो कोई भी उन्हें गिरफ्तार कराएगा, उसे यह राशि मिलेगी।
जानकारी (CG News) के अनुसार, केके पिछली सरकार में काफी प्रभावशाली रहे थे। उन्होंने स्मार्ट सिटी में ठेका दिलाने के नाम पर दिल्ली के कारोबारी अशोक रावत से 15 करोड़ रुपये ठगे। ठेका नहीं मिलने पर उन्होंने 17 सितंबर 2023 तक पैसे वापस करने का वादा किया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
केके ने कोरबा में राखड़ परिवहन के लिए बनाई थी कंपनी
जब अशोक रावत ने थाने में शिकायत करने की चेतावनी दी, तो केके ने कंचन श्रीवास्तव के खाते से विभिन्न खातों में 3 करोड़ 40 लाख रुपये वापस लौटाए और तीन चेक दिए, लेकिन ये चेक बाद में बाउंस हो गए। केके ने कोरबा में राखड़ परिवहन के लिए एक कंपनी बनाई थी, जो उद्योगों से निकलने वाले राख का परिवहन करती थी। कोल घोटाले के दौरान उनकी कंपनी भी ईडी की जांच के दायरे में आई थी।
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