CG News: स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में आज राज्य के 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों की स्वशासी सोसायटियों की बैठक हुई, जिसमें चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों के वित्तीय विकेंद्रीकरण से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
इन निर्णयों का उद्देश्य महाविद्यालयों की स्वशासी सोसायटियों को मजबूत बनाना, शासन पर निर्भरता कम करना और समयबद्ध कार्यों को सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही, तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति अब महाविद्यालयों स्तर पर ही हो सकेगी।
अब तक मिलते थे सीमित वित्तीय अधिकार
अब तक, चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाता और अस्पताल अधीक्षकों को दवाइयां, उपकरणों की मरम्मत, खरीदी और अन्य तात्कालिक कार्यों के लिए सीमित वित्तीय अधिकार मिलते थे, जिसके कारण उन्हें शासन स्तर से अनुमोदन प्राप्त करना पड़ता था।
अब, इन अधिकारों में बदलाव करते हुए उन्हें 10 लाख रुपये तक की राशि पर निर्णय लेने का अधिकार मिल गया है। इससे कार्यों को जल्द और प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा।
स्वशासी सोसायटियों का पुनर्गठन भी किया गया
स्वशासी सोसायटियों का पुनर्गठन भी किया गया है। अब तक इन सोसायटियों के लिए कोई निर्धारित दिशा-निर्देश नहीं थे, लेकिन अब माडल स्वशासी सोसायटियों के ड्राफ्ट को अनुमोदित कर दिया गया है, जिससे इनकी कार्यप्रणाली में एकरूपता आएगी।
इसके साथ ही, प्रबंधकारिणी समिति को 2 करोड़ रुपये तक के अनुमोदन का अधिकार और वित्त समिति को 10 लाख रुपये तक के अनुमोदन का अधिकार दिया गया है।
आयुष्मान योजना में मिलने वाली राशि को बढ़ाकर 45% किया गया
इसके अतिरिक्त, आयुष्मान भारत योजना के तहत चिकित्सा महाविद्यालयों को मिलने वाली राशि का हिस्सा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत कर दिया गया है। राज्य बजट से दवाइयों और अन्य आवश्यक सामग्रियों के लिए मिलने वाली राशि में भी वृद्धि की गई है, जिससे मेडिकल कॉलेजों को अधिक वित्तीय समर्थन मिलेगा।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का वर्चुअल संबोधन
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्वशासी सोसाइटी के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि इन निर्णयों से चिकित्सा महाविद्यालयों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इन निर्णयों का उद्देश्य तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना और मरीजों की बेहतरी के लिए तत्काल निर्णय लेने की प्रक्रिया को सक्षम बनाना है।
बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग की आयुक्त किरण कौशल भी उपस्थित थीं, और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्वशासी सोसायटी के सदस्य, संभाग आयुक्त, जिलों के कलेक्टर, मेडिकल कॉलेजों के डीन और अस्पताल अधीक्षक भी शामिल हुए।