रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से राज्य को धान से एथनॉल बनाने की अनुमति देने की मांग की है। मुख्यमंत्री बघेल सोमवार को यहां अपने निवास कार्यालय से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में वर्चुअल तरीके से शामिल हुए।अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सीतारमण से राज्य के कई वित्तीय मामलों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ने केन्द्र सरकार द्वारा पहली और दूसरी तिमाही में निर्धारित पूंजीगत व्यय के 35 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को धान का कटोरा कहा जाता है। यहां विपुल मात्रा में धान का उत्पादन होता है।
बॉयो एथनॉल के उत्पादन का आग्रह
बीते दो-तीन वर्षों से राज्य सरकार धान से बॉयो एथनॉल के उत्पादन की अनुमति देने का आग्रह कर रही है। यदि केंद्र सरकार अनुमति दे तब राज्य सरकार अधिशेष धान का उपयोग एथनॉल बनाने में कर सकेगी। बघेल ने कहा कि इससे राज्य और किसानों को लाभ होने के साथ ही पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर भारत सरकार द्वारा खर्च की जाने वाली विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि राज्य में धान से एथनॉल बनाने की तैयारी राज्य सरकार द्वारा कर ली गई है। धान से एथनॉल संयंत्र लगाने के लिए 12 कंपनियों से सहमति ज्ञापन (एमओयू) भी किया जा चुका है।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में गन्ना और मक्का से एथनॉल बनाने की अनुमति मिली है। बघेल ने कहा कि भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ राज्य से 61.65 लाख टन चावल लेने की सहमति दी गई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य से उसना चावल न लेने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है। केंद्र सरकार का यह निर्णय राज्य, यहां की मिलों और श्रमिकों के हित में नहीं है।