रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य का 47 लाख टन अधिशेष चावल लेने, राज्य को धान की उसना मिलिंग की अनुमति देने तथा 23 लाख टन उसना चावल लेने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रायपुर के बरौंडा स्थित राष्ट्रीय जैविक दबाव सहिष्णुता संस्थान के नए परिसर का उद्घाटन किया तथा 35 फसलों की विशेष गुणों वाली किस्मों को राष्ट्र को समर्पित किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री से छत्तीसगढ़ राज्य का 47 लाख टन अधिशेष चावल लेने, राज्य को धान की उसना मिलिंग की अनुमति देने और 23 लाख टन उसना चावल लेने का आग्रह किया। उन्होंने भारत सरकार के स्तर पर वर्ष 2019-20 की खाद्य सब्सिडी की लंबित राशि 1024.79 करोड़ रुपए तथा छह लाख टन अतिरिक्त धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति दिलाने का भी अनुरोध प्रधानमंत्री से किया। बघेल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और स्थानीय संसाधनों के उपयोग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी किसान न्याय योजना से खेती-किसानी को समृद्ध बनाने की पहल की गई है। राज्य में गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर की खरीदी कर उससे जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब गोबर से बिजली उत्पादन की शुरुआत दो अक्टूबर से करने जा रहे हैं। उन्होंने राज्य में कृषि उत्पादों और लघु वनोपजों के मूल्यवर्धन तथा जैविक खेती को बढ़ावा देने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरगुजा जिले के बतौली विकासखण्ड के ग्राम बांसाझाल में 15 स्व-सहायता समूह की महिलाएं जीराफूल धान का जैविक उत्पादन कर मिलिंग कर रही हैं।