रायपुर। छत्तीसगढ़ की हायर एजुकेशन में बड़ा बदलाव किया गया है। अब सिर्फ ऑनर्स डिग्री वाले ही पीएचडी कर सकेंगे। वहीं क्लास बंक करने वाले छात्र फेल होंगे। इसी साल जुलाई से शुरू होने वाले नए सत्र में यह बदलाव लागू किए जाएंगे। अब ऑटोनॉमस कॉलेज में सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई होगी।
नए सेशन में अब बदलाव देखने को मिलेगा
यहां बता दें कि छत्तीसगढ़ के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में शुरू होने वाले नए सेशन में अब बदलाव दखने को मिलेगा। जुलाई से शुरू हो रहे सेशन में करीब चार दशक बाद यह बदलाव दिखाई देने वाला है। अब छत्तीसगढ़ के सरकारी, निजी और ऑटोनॉमस कॉलेजों में नए कोर्स से बढ़ाई कराई जाएगी।
इससे रोजगार बढ़ सकेंगे
प्रदेश में किए गए इस बादलाव के चलते दावा किया जा रहा है कि इससे रोजगार बढ़ सकेंगे। ऑटोनॉमस कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम से विद्यार्थियों द्वारा डिप्लोमा, डिग्री, ग्रेजुएशन या अन्य कोई भी कोर्स किए जाने के बाद उन्हें किसी न किसी तरह का रोजगार मिल जाएगा। ऐसा इसीलिए क्योंकि नए सिलेबस में पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही व्यावहारिक ज्ञान से भी जोड़ा गया है।
कम्प्यूटर का कोर्स भी पढ़ना जरूरी होगा
इस नए शिक्षण सत्र से शुरू हो रहे कोर्स की एक खास बात यह भी है कि छात्र को किसी भी तरह का कोर्स करने के साथ-साथ कंप्यूटर का कोर्स भी पढ़ना जरूरी होगा। समय की जरूरत को ध्यान में रखते हुए कमप्यूटर कोर्स की अनिवार्यता के लिए शामिल किया गया है। ठीक इसी तरह ही ऑनर्स का कोर्स करने वाले वद्यार्थी अब पीएचडी की उपाधि भी प्राप्त कर सकेगा।
सकारात्मक परिणाम मिलने वाले हैं
माना जा रहा है कि इसी साल से नए शिक्षक सत्र से शुरू किए जा रहे इस बदलाव के सकारात्मक परिणाम देखने के लिए मिलने वाले हैं। बेरोजगारी जैसी समस्या को दूर करने के लिए यह बदलाव काफी कारगर साबित रहने वाला है। वहीं पाढ़ाई साथ-साथ ही कम्प्यूटर शिक्षा को शामिल किए जाने से छात्रों को कम्प्यूटर का ज्ञान भी मिल सकेगा।
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