रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में मारपीट की घटना के बाद ग्रामीणों ने एक समुदाय का बहिष्कार करने की शपथ ली है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि इस महीने की पांच तारीख को जिले के लुंड्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत कुंदीकला गांव में लोगों ने एक समुदाय के साथ किसी भी तरह का संबंध न रखने की शपथ ली। उन्होंने कहा कि घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कई ग्रामीण एक स्थान पर शपथ लेते दिखाई देते हैं। वीडियो में एक व्यक्ति उनसे शपथ लेने की बात कहता दिखाई देता है और ग्रामीण हाथ उठाकर उस संकल्प को दोहराते हैं। वीडियो में लोग यह कहते सुनाई देते हैं, ‘‘हम संकल्प लेते हैं कि आज से हम हिंदू किसी भी मुसलमान दुकानदार से किसी भी प्रकार का सामान नहीं खरीदेंगे और न ही उन्हें किसी भी तरह का सामान बेचेंगे। आज से हम किसी मुसलमान व्यक्ति को अपनी जमीन पट्टे पर नहीं देंगे या बिक्री नहीं करेंगे। अगर किसी व्यक्ति के पास जमीन पट्टे पर है तो उसकी तत्काल वापसी कराएंगे। जो फेरीवाले हमारे गांव में आते हैं, हमारे क्षेत्र में आते हैं, गांव में उसकी जांच के बाद यदि वह हिंदू हुआ तभी उससे सामान खरीदा जाएगा, अन्यथा नहीं…।’’
सरगुजा के जिलाधिकारी संजीव झा ने शुक्रवार को बताया कि वीडियो सामने आने के बाद जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और अनुविभागीय दंडाधिकारी ने बृहस्पतिवार को गांव का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला ने बताया कि इस महीने की एक तारीख को पड़ोसी बलरामपुर जिले के आरा गांव के कुछ ग्रामीण नए साल का जश्न मनाने के लिए कुंदीकला गांव गए थे और इस दौरान स्थानीय लोगों के साथ उनका विवाद हो गया था।
उन्होंने कहा कि दूसरे दिन कुंदीकला गांव निवासी वीरेंद्र यादव ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि आरा निवासी इलियास बीडीसी, इजमाम, मोजिद, सेराज, फजल, सुहैल और कुछ अन्य लोग गांव पहुंचे तथा घर के भीतर घुसकर उसकी (वीरेंद्र) तथा भतीजी समेत परिवार के दो सदस्यों की पिटाई कर दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत के बाद पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
शुक्ला ने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि उस घटना का फायदा उठाकर कुछ लोगों ने कुंदीकला गांव के निवासियों को सभा आयोजित करने और एक विशिष्ट समुदाय के खिलाफ इस तरह की शपथ लेने के लिए उकसाया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस वीडियो फुटेज के माध्यम से शपथ दिलाने वालों की पहचान करने की कोशिश कर रही है जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।