बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में तीन लाख रुपये के इनामी माओवादी ने रविवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक कामलोचन कश्यप के मुताबिक मंगल कुंजम उर्फ ऊधम सिंह ने माओवादियों की ‘खोखली’ विचारधारा तथा गैरकानूनी संगठन के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए अत्याचारों से निराश होने का हवाला देते हुए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, कुंजम माओवादियों के भामरगढ़ प्लाटून नंबर सात का सेक्शन कमांडर था और बीजापुर-गढ़चिरौली सीमा पर सक्रिय था। वह 2007 के गढ़चिरौली में हुए हमले सहित कई नक्सली घटनाओं में शामिल था, जिसमें 15 सी-60 कमांडो मारे गए थे। इसके अलावा 2009 में घात लगाकर किए गए हमले, जिसमें अबुझमाड़ सीमा के पास 17 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी, उसमें मंगल की अहम भूमिका थी। कश्यप ने कहा कि माओवादी के आत्मसमर्पण के बाद, उसे 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी गई और छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों के अनुसार उसका पुनर्वास किया जाएगा।
इससे पहले भी नक्सली कर चुके हैं आत्मसमर्पण
बता दें कि इससे पहले भी दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इससे पहले छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान से प्रभावित होकर एक इनामी नक्सली समेत 11 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें तीन महिला नक्सली भी शामिल हैं।दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधिकारियों के मुताबिक माओवादियों के मलांगिर एरिया कमेटी के अंतर्गत सक्रिय महिला नक्सली रामबती बारसे समेत 11 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।