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बंदूक छोड़ सीख रहे हुनर: बस्‍तर के नक्‍सली रहे युवा अब बदल रहे अपनी पहचान, प्रशिक्षण शिविर में सीख रहे कौशल

CG Naxal Surrender Policy: कभी नक्सलियों के गढ़ रहे जंगलों से अब आत्मनिर्भरता की कहानी सामने आ रही है। बंदूक थामने वाले पूर्व नक्सली आज सरकार द्वारा संचालित प्रशिक्षण शिविरों में विभिन्न कौशल सीखकर नई जिंदगी की ओर बढ़ रहे हैं।

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Sanjeet Kumar
CG Naxal Surrender Policy

CG Naxal Surrender Policy

CG Naxal Surrender Policy: छत्‍तीसगढ़ के बस्तर संभाग के बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों में कभी नक्सलियों के गढ़ रहे जंगलों से अब आत्मनिर्भरता की कहानी सामने आ रही है। बंदूक थामने वाले पूर्व नक्सली आज सरकार द्वारा संचालित प्रशिक्षण शिविरों में विभिन्न कौशल सीखकर नई जिंदगी की ओर बढ़ रहे हैं।

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कभी इन नक्‍सलियों ने सरकार के खिलाफ हथियार (CG Naxal Surrender Policy) उठा रखे थे, जबकि अब सरकार की नीतियों से प्र‍ेरित होकर उन्‍होंने हथियार डाल दिए। इसके बाद सरकार की योजनाओं का लाभ लिया। अब इन नक्‍सलियों को घर वापसी पर सरकार के द्वारा कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

मजबूरी में बन गया था नक्‍सली

नक्‍सल संगठन के पूर्व पीएलजीए (CG Naxal Surrender Policy) सदस्य सुकराम की कहानी सैकड़ों युवाओं की कहानी को बयां करती है। वह बताते हैं, नक्सलियों ने मेरे परिवार को परेशान किया। गुस्से और मजबूरी में संगठन में शामिल हुआ, लेकिन बाद में पछतावा हुआ। अब राजमिस्त्री का प्रशिक्षण ले रहा हूं और अपने परिवार का ख्याल रख रहा हूं।

Chhattisgarh Naxal Surrender Policy

इन क्षेत्रों में रोजगार के लिए ट्रेनिंग

सरकार की पहल पर पूर्व नक्सलियों (CG Naxal Surrender Policy) को उनकी रुचि के अनुसार कौशल सिखाया जा रहा है, जिसमें राजमिस्त्री, खेती, पशुपालन, मछली पालन जैसे रोजगारपरक विषय शामिल हैं। प्रशिक्षण के साथ-साथ एक्सपोजर विजिट्स भी करवाई जा रही हैं, जिससे वे बाजार की मांग और कामकाज को बेहतर समझ सकें।

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जीवन बदलने तैयार की दिनचर्या

प्रशिक्षण शिविरों में दिन की शुरुआत (CG Naxal Surrender Policy) सुबह 5 बजे योग से होती है, जिसके बाद पूरे दिन अलग-अलग ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा साक्षर भारत कार्यक्रम, टीवी टाइम, और खेलकूद जैसी गतिविधियां भी दिनचर्या में शामिल हैं। कभी हथियारों और बम बनाने जैसे खतरनाक कामों में लिप्त रहे युवा आज खेती और पशुपालन में हाथ आजमा रहे हैं। यह बदलाव सिर्फ उनके जीवन को नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की छवि को भी बदल रहा है।

सरकार का उद्देश्‍य दंड देना नहीं

सरकार का स्पष्ट उद्देश्य इन युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ते (CG Naxal Surrender Policy) हुए जिम्मेदार और आत्मनिर्भर नागरिक बनाना है, ताकि वे दोबारा हिंसा की राह पर न लौटें। बेरोजगारी और मजबूरी से उपजे विद्रोह को रोजगार और शिक्षा से समाप्त करने का यह प्रयास अब रंग ला रहा है।

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