CG Aachar Sanhita 2025: चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्य के सभी विभाग प्रमुखों, संभाग आयुक्तों और कलेक्टरों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
2024-25 में त्रिस्तरीय पंचायतों और नगरीय निकायों के चुनाव होंगे। इन चुनावों को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए शासकीय तंत्र को तैयार किया जाएगा। राज्य सरकार चाहती है कि चुनावी कार्यों में कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभाएं।
शासकीय कर्मचारियों से अपेक्षित आचरण
- शासकीय कर्मचारियों को चुनावी कार्यों में निष्पक्ष रहना चाहिए। उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे जनता को यह शंका हो कि वे किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं। कर्मचारियों को किसी भी चुनावी प्रचार या अभियान में भाग नहीं लेना चाहिए। इसके अलावा, कोई भी शासकीय कर्मचारी चुनाव अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता या गणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नहीं कर सकता।
- सभी अधिकारी और कर्मचारी जो चुनाव कार्य में लगाए जाएंगे, उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में रहना होगा, और वे आयोग के अधीन कार्य करेंगे जब तक चुनाव के परिणाम घोषित नहीं हो जाते।
मंत्रियों के दौरे संबंधी निर्देश
- मंत्री जब शासकीय भ्रमण पर आएं और सर्किट हाउस या विश्राम गृह में ठहरें, तो संबंधित अधिकारी को उनके आगमन और प्रस्थान पर उपस्थित रहना चाहिए। यदि मंत्री किसी निजी निवास पर ठहरते हैं, तो अधिकारी को वहां नहीं जाना चाहिए।
- मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी यदि वे सर्किट हाउस या रेस्ट हाउस में ठहरते हैं, लेकिन निजी निवास पर सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की जाएगी।
- मंत्री, पार्टी या संस्था द्वारा आयोजित सभा के दौरान केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने का ध्यान रखा जाएगा, और सभा की कोई अन्य व्यवस्था नहीं की जाएगी।
- मंत्री को निजी घर में आमंत्रित किया गया तो कोई शासकीय कर्मचारी उसमें शामिल नहीं होगा।
- चुनावी सभा शासकीय भवनों के पास या खेल के मैदानों में आयोजित नहीं की जाएगी, हालांकि अन्य शासकीय भूमि पर सभा की अनुमति दी जा सकती है।
निर्वाचन संबंधी अन्य निर्देश
- लाउडस्पीकर का उपयोग चुनावी प्रचार में किया जाता है, जिससे नागरिकों को परेशानी होती है, विशेषकर बुजुर्गों और बीमारों को। इस कारण आयोग ने लाउडस्पीकर के उपयोग पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं, जो छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत लागू होंगे।
- चुनावी प्रचार में सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना, जैसे पोस्टर चिपकाना और नारे लिखना, छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत अवैध है। इसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
वाहन और अन्य संसाधन
- चुनाव के लिए पर्याप्त संख्या में वाहनों की आवश्यकता होगी। चुनावी कार्यों के लिए विभागीय वाहनों की सूची जिलों में भेजी जाएगी, और कलेक्टर के अनुरोध पर वाहन तुरंत उपलब्ध कराए जाएंगे।
- यदि किसी विभाग के वाहन की मरम्मत की आवश्यकता हो, तो इसे प्राथमिकता पर किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक धनराशि को शीघ्र स्वीकृत किया जाएगा।
- चुनाव की अवधि में वाहनों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए, परिवहन आयुक्त अपने क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश देंगे कि वे कलेक्टरों को वाहनों की उपलब्धता में पूरा सहयोग प्रदान करें।
- चुनावी वाहनों पर होने वाले खर्च का भुगतान राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेशों के अनुसार किया जाएगा।
इन सभी निर्देशों के माध्यम से चुनाव को व्यवस्थित और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने की योजना बनाई गई है, ताकि चुनावी प्रक्रिया पर किसी भी प्रकार का प्रभाव न पड़े।
पेट्रोल/डीजल की व्यवस्था और अन्य चुनाव संबंधित प्रबंध
चुनाव के दौरान विभिन्न प्रकार के वाहनों का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है, जैसे ट्रक, जीप, बस, आदि। इसलिए, प्रत्येक जिले में पेट्रोल और डीजल की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करना आवश्यक है। इस व्यवस्था के तहत, कलेक्टर को संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाकर स्टॉक की स्थिति का आकलन करना चाहिए। जिन क्षेत्रों में पेट्रोल पंप नहीं हैं, वहां पेट्रोल-डीजल का भंडारण सुनिश्चित करना होगा।
विश्रामगृहों में कक्षों का आरक्षण
निर्वाचन के दौरान, विशेष रूप से चुनाव परिणाम घोषित होने तक, विश्रामगृहों के कम से कम एक कमरे को निर्वाचन कार्य से संबंधित अधिकारियों के लिए आरक्षित किया जाएगा। इन कक्षों का आवंटन निम्नलिखित प्राथमिकताओं के आधार पर किया जाएगा:
- राज्य निर्वाचन आयुक्त
- राज्य निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक
- छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी
- अन्य निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारी
इस व्यवस्था को संबंधित विश्राम गृह के प्रभारी द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।
कर्मचारियों की व्यवस्था
चुनाव कार्य के लिए जिलों के कलेक्टर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की सेवाएं ले सकते हैं, लेकिन चिकित्सालयों में कार्यरत डॉक्टर, पुलिस, जेल कर्मचारियों, और जनसंपर्क विभाग के कर्मचारियों की सेवाएं नहीं ली जाएंगी। कलेक्टर संबंधित अधिकारियों को सूचित करेंगे कि उनके अधीनस्थ कर्मचारी कब और कहां कार्य करेंगे।
इसके अलावा, कलेक्टर की सहमति के बिना कर्मचारियों को अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा, और किसी भी प्रकार की नियुक्ति या स्थानांतरण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान नहीं किया जाएगा।
शिकायतों का समाधान
चुनाव संबंधी शिकायतों का त्वरित निराकरण किया जाएगा। अगर किसी अभ्यर्थी ने शिकायत की है, तो उसकी तुरंत जांच की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।
प्रेक्षकों की सुविधाएं
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षकों को यात्रा के दौरान सरकारी वाहन की अनुमति दी जाएगी। वे अपने वाहन के लिए पीओएल प्राप्त करेंगे, और उनकी यात्रा से संबंधित खर्चों की प्रतिपूर्ति राज्य निर्वाचन आयोग करेगा।
निर्वाचन प्रचार पर प्रतिबंध
निर्वाचन के दौरान विभिन्न सरकारी अधिकारियों द्वारा चुनाव प्रचार में भाग लेना निषेध रहेगा। कोई भी मंत्री या सरकारी अधिकारी चुनाव के प्रचार में सरकारी संसाधनों का उपयोग नहीं कर सकता है।
विकास कार्यों और अनुदान पर रोक
निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार के नए विकास कार्य शुरू नहीं किए जाएंगे। साथ ही, वित्तीय अनुदान या योजनाओं की घोषणाओं पर भी रोक होगी, ताकि चुनाव के परिणामों पर इनका प्रभाव न पड़े।
वाहनों के उपयोग पर रोक
चुनाव के दौरान सरकारी उपक्रमों और संस्थाओं के वाहनों का उपयोग निजी चुनाव प्रचार या कार्यों के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
स्थानीय निकायों और सरकारी संस्थाओं के प्रचार पर प्रतिबंध
कोई भी राजनीतिक दल, संघ या व्यक्ति बिना स्थानीय निकाय की अनुमति के प्रचार के लिए कटआउट, पट-विज्ञापन या होर्डिंग्स नहीं लगाएगा।
शासकीय विज्ञापनों पर रोक
राज्य सरकार के विभागों या निगमों द्वारा चुनाव प्रचार के पक्ष में कोई शासकीय विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा।