जगदलपुर से रजत वाजपेयी। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में युवा किस तरह पढ़ लिखकर और जॉब करके अपने जीवन स्तर को बढ़ाना चाहते हैं इसका एक उदाहरण अतिसंवेदनशील क्षेत्र बोदली से सामने आया। यहां क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर से एक युवा ने कहा “मैं 12वीं पढ़ा हूं सर, गांव में मुझे कुछ काम मिल जाएगा क्या?” इतना सुनते ही कलेक्टर ने युवक और उसके एक साथी के लिए नौकरी की व्यवस्था कर दी।
दरअसल, बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम बीते दिन अतिसंवेदनशील क्षेत्र बोदली के निरीक्षण पर थे। यहां पहुंचकर कलेक्टर ने गांव वालों से मुलाकात की। ग्रामोंणों से गांव के विकास पर चर्चा करते हुए गांव के मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए सड़क निमार्ण के निर्देश दिए।
बीजनू कश्यप और उसके साथी शंकर मंडावी को अतिथि शिक्षक नियुक्त करने के निर्देश
लेक्टर ने कहा कि मुख्य मार्ग से जुड़ जाने के बाद गांव में और तेजी से विकास हो सकेगा। यहां निरक्षण के दौरान बोदली के युवा बीजनू कश्यप ने कलेक्टर विजय दयाराम से कहा कि “मैं 12वीं पढ़ा हूं सर, गांव में मुझे कुछ काम मिल जाएगा क्या?” यह सुनते ही कलेट्रर ने बीजनू और उसके साथी शंकर मंडावी के लिए अतिथि शिक्षक नियुक्त करने के निर्देश दे दिए।
कलेक्टर द्वारा बीजनू और उसके साथी शंकर मंडावी के लिए अतिथि शिक्षक नियुक्त किए जाने के निर्देश दिए जाने के बाद अब दोनो ही युवक गांव के स्कूल में 16 तारीख से बच्चों के लिए पढ़ाएंगे।
हर्राकोडेर गांव में भी किया निरीक्षण
बोदली गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने का निर्देश देने से पहले कलेक्टर लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के अतिसंवेदनशील इलाके हर्राकोडेर भी पहुंचे। यहां उन्होंने ग्रामोणों से साथ पंचायत लगाई।
कलेक्टर द्वारा लगाई गई पंचायत में लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के हर्राकोडेर क्षेत्र में ग्रामीणों के लिए पेंशन मिलने में किसी तरह की कोई परेशान न हो इसके लिए युवोदय स्वयंसेवक के लिए बैंक सखी बनाए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही प्रति हफ्ते 03 दिन यहां कैम्प लगाए जाने के निर्देश दिए।
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