CG Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 11 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की है. इस चुनाव में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है. प्रदेश की एकमात्र सीट कोरबा में कांग्रेस ने कब्जा बरकरार रखा है. प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेश बघेल राजनांदगांव से हार गए हैं. जहां उन्हें बीजेपी के संतोष पांडे हराकर दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए हैं. वहीं प्रदेश में बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन को लेकर बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है.
कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्रियों पर लगाया था दांव
कांग्रेस ने इस लोकसभा चुनाव में सीमित संसाधनों के साथ 11 में से कई सीटों पर दिग्गजों को उतारा. इनमें जांजगीर चांपा, महासमुंद, राजनांदगांव, कांकेर और कोरबा जैसी सीटें हैं. इन सीटों पर पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्रियों को टिकट दिया था, कांग्रेस ने राजनांदगांव से पूर्व सीएम भूपेश बघेल, महासमुंद से पूर्व कैबिनेट मंत्री ताम्रध्वज साहू, जांजगीर चांपा से पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया और बस्तर से पूर्व मंत्री कवासी लखमा पर दांव लगाया गया था.
कांग्रेस के खाते में आई एक सीट
कांग्रेस को इन सभी सीटों पर निराशा मिली है. ये सभी दिग्गज यहां से चुनाव हार गए हैं. हालांकि कांग्रेस के खाते में एक सीट आई है. कोरबा से ज्योत्सना महंत ने बीजेपी की सरोज पांडेय को हार का मुंह दिखा दिया है.
वहीं बीजेपी के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल रायपुर से जीत गए हैं. उन्होंने कांग्रेस के विकास उपाध्याय को लाखों वोटों के अंतर से हरा दिया है.
किस सीट पर कौन जीता?
सरगुजा से बीजेपी के चिंतामणी महाराज, जांजगीर-चांपा से बीजेपी की कमलेश जांगड़े, रायगढ़ से बीजेपी के राधेश्याम राठिया, बिलासपुर से बीजेपी के तोखन साहू, राजनांदगांव से संतोष पांडेय, दुर्ग, रायपुर, महासमुंद से बीजेपी की रूपकुमारी चौधरी, कांकेर से बीजेपी के भोजराज नाग, कोरबा से कांग्रेस की ज्योत्सना महंत और बस्तर से बीजेपी के महेश कश्यप ने जीत दर्ज की है.
पिछले चार लोकसभा चुनावों में BJP की शानदार जीत
बीजेपी ने इस चुनाव से लेकर पिछले सभी चार लोकसभा चुनावों (2019 के लोकसभा चुनाव को छोड़कर ) में 11 में 10 सीटों के साथ शानदार जीत दर्ज की है. कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में राज्य में भारी जीत दर्ज की थी और इसी के साथ पार्टी ने 2019 में दो लोकसभा सीटें भी अपने खाते में करने में कामयाब रही थी. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 50.7 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 9 सीटें जीतीं थी. बता दें कि बीजेपी ने पार्टी ने 2014 के आम चुनाव में 48.7 प्रतिशत वोट शेयर के साथ दस सीटें हासिल की थीं.
कांग्रेस को क्यों करना पड़ा हार का सामना ?
कांग्रेस की हार का सबसे पहला कारण प्रदेश में मोदी की लोकप्रियता मानी जा रही है. राजनीतिक विषेशज्ञ मानते हैं कि मोदी लहर के चलते प्रदेश में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली है. बीजेपी के हर चुनावी वादे को मोदी की गारंटी की तरह पेश किया गया. इसके साथ ही चुनाव से पहले प्रदेश में महतारी वंदन योजना ने भी अपना कमाल दिखाया. बीजेपी सरकार ने महतारी वंदना योजना की रणनीतिक रूप से दो-तीन किस्तें जारी कर दी थी. जिसके चलते प्रदेश की महिलाओं का समर्थन बीजेपी को मिला.
कांग्रेस की संरचनात्मक खामी भी उसकी हार की वजह बनी. बीजेपी ने ‘मोदी की गारंटी’ पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस ‘भूपेश के पांच साल’ पर वोट मांगती रही. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की जोड़ी ने भी राज्य में सिर्फ कुछ ही रैलियां की. कमजोर प्रचार प्रसार पार्टी की संरचनात्मक कमजोरी को दिखाया और पार्टी कमजोर हुई.
कांग्रेस में अंदरूनी कलह भी हार की वजह बनी. वोटिंग से पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के इस्तीफा देने का दौर चल पड़ा. एक-एक कर पार्टी के कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस नेता विजय साहू, वरिष्ठ नेता विजय साहू, पुष्पेंद्र परिहार, कांग्रेस के पूर्व विधायक शिशुपाल शोरी, कांग्रेस OBC विभाग के उपाध्यक्ष शंकर लाल साहू समेत कई नेताओं ने चुनाव से पहले पार्टी से इस्तीफा दिया. इन नेताओं ने कांग्रेस का खुलकर विरोध किया.