Durg Lok Sabha Seat Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में छत्तीसगढ़ की दुर्ग लोकसभा सीट के नतीजे आ चुके हैं. दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार विजय बघेल ने यहां दोबारा जीत दर्ज की है. बघेल के खिलाफ इस सीट से कांग्रेस के राजेन्द्र साहू प्रतिद्वंद्वी रहे. जिन्हें विजय बघेल ने 4 लाख 19 हजार से अधिक वोटों से हराया.
विजय बघेल ने अब तक 9 लाख 1 हजार 266 वोट हासिल किए, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी राजेन्द्र साहू को अब तक 4 लाख 81 हजार 954 वोट मिले. 2019 के चुनाव में इस सीट पर विजय बघेल ने ही जीत दर्ज की थी.
दुर्ग सीट पर दूसरी बार सांसद बनेंगे विजय बघेल
विजय बघेल ने अपनी राजनीति करियर की शुरुआत साल 2000 में की थी. 2000 में विजय बघेल भिलाई नगर परिषद का चुनाव स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीता. उन्होंने 2003 में राष्ट्रवादी कांग्रेस के टिकट पर पाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. चुनाव हारने के बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे.
बीजेपी ने साल 2008 के विधानसभा चुनाव में उन्हें फिर से पाटन से टिकट दिया. इस बार उन्होंने कांग्रेस की तरफ से भूपेश बघेल को करारी शिकस्त दी थी. विजय बघेल अपने चाचा को चुनाव हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे. विजय बघेल भाजपा सरकार में संसदीय सचिव भी रहे।
हालांकि 2013 के चुनाव में पाटन से भूपेश बघेल ने उन्हें हराया दिया था. 2018 में बीजेपी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में विजय बघेल को दुर्ग लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिमा चंद्राकर को तीन लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से मात दी थी.
राजेंद्र साहू की भूपेश के करीबी के रुप में पहचान
पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी के रुप में राजेंद्र साहू की पूरे इलाके में पहचान है. राजेंद्र साहू राजनीति के चाणक्य वरिष्ठ नेता स्वर्गीय वासुदेव चंद्राकर के शिष्य भी रहे. 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए वे टिकट की दावेदारी कर रहे थे.पार्टी ने उस समय तो उन्हें टिकट नहीं दिया, लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया. इस चुनाव में राजेंद्र साहू को बीजेपी के विजय बघेल ने हार का मुंह दिखाया.
दुर्ग लोकसभा सीट का इतिहास
दुर्ग लोकसभा सीट की स्थापना 1952 में हुई थी. दुर्ग में शुरुआती सालों में कांग्रेस का दबदबा रहा. इस सीट से 1952 में कांग्रेस के वासुदेव एस किरोलिकर पहले सांसद बने थे. 1990 के दशक में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर रही. 1991 में कांग्रेस से चंदूलाल चंद्राकर ने यह सीट हासिल की. ताराचंद साहू ने 1996 में बीजेपी को पहली जीत दिलाई थी.
इसके बाद ताराचंद 1996 से 2004 तक लगातार जीतते रहे. फिर 2009 में बीजेपी की सरोज पांडे यहां से लोकसभा चुनाव जीतीं. सरोज इस सीट से पहली महिला सांसद थीं. हालांकि, 2014 में मोदी लहर में भी कांग्रस से ताम्रध्वज साहू जीते. इसके बाद पिछले चुनाव 2019 में फिर यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई. चुनाव में बीजेपी के विजय बघेल विजयी रहे.
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