CG Liquor Scam Case: शराब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा के साथ पूछताछ के बाद 25 फरवरी 2025, मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम राजीव भवन (कांग्रेस कार्यालय ) पहुंची है। ED की 4 सदस्यीय टीम सुरक्षा बलों के साथ कांग्रेस भवन पहुंची है।
यहां टीम कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैंदू से पूछताछ कर रही है। यह कार्रवाई शराब घोटाले से जुड़ी जांच के तहत की जा रही है। इसके अलावा, कोटा में कांग्रेस दफ्तर बनाने से संबंधित मामले की भी जांच की जा रही है।
साल 2019 में उजागर हुआ था शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासनकाल (2019-2022) के दौरान, लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लिकेट होलोग्राम लगाकर अवैध शराब बेची जाती थी। इससे राजस्व विभाग को करोड़ों का नुकसान हुआ।
नकली होलोग्राम लगाकर शराब को स्कैनिंग से बचाया जाता था। यह होलोग्राम उत्तर प्रदेश की कंपनी PHSE (प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) को टेंडर देकर बनवाया गया था।
नियमों में संशोधन करके दिया गया था टेंडर
ईडी के अनुसार, यह कंपनी होलोग्राम बनाने के लिए अयोग्य थी, लेकिन नियमों में संशोधन करके उसे टेंडर दिया गया। कंपनी के मालिक विधु गुप्ता ने गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस सरकार के अधिकारियों और व्यापारियों का नाम लिया।
कवासी लखमा का नाम आया सामने
ईडी की जांच में पता चला कि पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा को शराब घोटाले से जुड़े अपराधिक लाभ (POC) का कमीशन मिलता था।
28 दिसंबर को ईडी ने लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के घर छापा मारा। इस दौरान कई डिजिटल डिवाइस और सबूत बरामद किए गए। लखमा ने दावा किया कि वे अनपढ़ हैं और अधिकारियों के कहने पर हस्ताक्षर कर देते थे।
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15 जनवरी को हुई गिरफ्तारी
ईडी ने 15 जनवरी 2024 को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया। इससे पहले, उनसे तीन बार पूछताछ की गई थी। लखमा के बेटे हरीश से भी पूछताछ हुई।
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत रायपुर, धमतरी और सुकमा में 7 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। जांच में लखमा द्वारा अपराधिक लाभ के उपयोग के सबूत भी मिले हैं।
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