CG Land Registry: छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया गया। इस विधेयक पर विचार-विमर्श के बाद इसे विधानसभा से पारित कर दिया गया। इस संशोधन के तहत, अब छत्तीसगढ़ में निर्विवाद जमीन का स्वतः नामांतरण होगा। वहीं, जियो रिफरेंस वाली जमीन का नामांतरण रजिस्ट्री के साथ किया जाएगा।
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डिजिटल माध्यम से भी भेजा जा सकेगा नोटिस
नए प्रावधानों के अनुसार, भूमि विवाद मामलों में पक्षकार को डिजिटल माध्यम से भी नोटिस भेजा जा सकेगा। इसके अलावा, राजस्व न्यायालय में अब ऑनलाइन कागजात भी मंगवाए जा सकेंगे।
भूमि अर्जन प्रक्रिया शुरू होने पर जमीन का डायवर्सन नहीं होगा और जैसे ही शासन को पत्र प्राप्त होगा, जमीन की खरीदी और बंटवारा बंद कर दिया जाएगा। इससे अधिक मुआवजा लेने के खेल पर भी रोक लगाई जाएगी।
भूमि स्वामियों के लिए लाभकारी होगा संशोधन
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने इस विधेयक के बारे में बताते हुए कहा कि यह संशोधन छत्तीसगढ़ राज्य और यहां के किसानों, भूमि स्वामियों के लिए बहुत लाभकारी होगा। उन्होंने बताया कि इस संशोधन के तहत मैनुअल प्रक्रियाओं को डिजिटाइज किया गया है।
उदाहरण के तौर पर, अब न्यायालय में प्रकरणों में वादी-प्रतिवादी को नोटिस मैनुअली भेजने की बजाय ऑनलाइन या वाट्सएप के जरिए भेजे जा सकेंगे। इसके अलावा, न्यायालयों में जो रिकॉर्ड एक जगह से दूसरी जगह भेजे जाते थे, अब उन्हें मैनुअल तरीके से भेजने की बजाय ऑनलाइन भेजा जा सकेगा, और पीडीएफ फॉर्मेट में।
सरकार की बड़ी परियोजनाओं की समस्या भी होंगी खत्म
इसके अलावा, सबसे बड़ा सुधार यह हुआ है कि केंद्र और राज्य सरकार की बड़ी परियोजनाओं में भूमि अर्जन के कारण जो अड़चने आती थीं, अब उनसे निपटने के लिए एक नया प्रावधान लाया गया है। इसके तहत, जैसे ही केंद्र या राज्य सरकार का कोई पत्र प्राप्त होगा, वहां भूमि पर खरीदी-बिक्री पर रोक लगा दी जाएगी।