रायपुर। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी बनने के बाद कुमारी शैलजा ने ली पहली बैठक ली, जिसपर बीजेपी तंज कसा है। वहीं इससे पहले रायपुर पहुंचने पर छत्तीसगढ़ की नई कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का सोमवार पार्टी ने जोरदार स्वागत किया। इसके बाद सीएम भूपेश बघेल के साथ कुमारी शैलजा ने बैठक की। बैठक में सीजी में की जाने वाली हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा के संबंध में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जानकारी दी गई है कि छत्तीसगढ़ के सभी कांग्रेस नेता प्रदेशभर में पार्टी के लिए लोगों से संपर्क करेंगे। जिसके लिए प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने निर्देश दिए हैं।
फरवरी महीने में होने वाले पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर भी बताचीत की गई। रायपुर में इसका आयोजन होना है। इसके साथ ही यहां अन्य बैठकों में कुमारी सैलजा शामिल होंगी। बैठकें जारी हैं। वहीं छत्तीसगढ़ की प्रदेश प्रभारी की पहली बैठक पर BJP ने चुटकी ली है। पूर्व मंत्री और प्रवक्ता राजेश मूणत ने कहा है कि अच्छी बात है संगठन को मजबूत करें। जिस प्रकार से निचले स्तर तक भ्रष्टाचार चला गया है इसे देखते हुए भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाएं। जन घोषणा पत्र, सरकार के कर्ज जैसी चीजों समीक्षा करें। यही आग्रह है।
वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने बीजेपी पर निशाना साधा। कुमारी शैलजा ने कहा कि बीजेपी हमारे लिए कोई चुनौती नहीं है। 15 साल उन्होंने सिर्फ भ्रष्टाचार किया है। कांग्रेस बहुत बेहतर काम छत्तीसगढ़ में कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी। हमारा पूरा ध्यान 90 सीटों पर है। सत्ता संगठन में मतभेद को लेकर उन्होंने कहा कि मतभेद कहीं नहीं है।हर जगह थोड़ी बहुत बात होती है। कांग्रेस एक परिवार है, हम सब उसका हिस्सा हैं। जब समय आता है तब सब मिलजुल कर काम करते हैं।
यहां बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस ने पार्टी में बड़ा फेरबदल करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ का महासचिव और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान का प्रभारी नियुक्त किया था। जिसके बाद कुमरी शैलजा की यह पहली बैठ छत्तीसगढ़ में है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों में कांग्रेस की सरकारें हैं और 2024 में लोकसभा चुनाव से महीनों पहले अगले साल चुनाव होंगे। शैलजा हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष भी रही हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान के नए प्रभारियों द्वारा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने की उम्मीद है। गौरतलब है कि लोकसभा के अलावा हरियाणा में 2024 में चुनाव होंने है। ऐसे में एन वक्त पर जिम्मेदारियों में फेरबदल कई बड़ा रणनीतिक हिस्सा माना जा रहा है।