CG News: छत्तीसगढ़ के कबीरधाम (Kabirdham) जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक निर्दोष हिरण का शावक (deer fawn) जो गलती से जंगल से भटककर खेत में आ गया था, उसे खेत मालिक ने मांस की लालच (greed for meat) में डंडे से पीट-पीटकर मार डाला। यह घटना न सिर्फ वन्यजीवों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि वन विभाग (Forest Department) की लापरवाही को भी उजागर करती है।
घटना बीते रविवार रात की है जब खेत मालिक ने शावक को बेरहमी से पीटकर मार डाला और उसके शव को छिपाकर ले जाने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीणों की नजर मृत शावक पर पड़ गई और उन्होंने तत्काल वन विभाग को इसकी सूचना दी। आश्चर्य की बात यह रही कि समाचार लिखे जाने तक वनकर्मी (forest staff) मौके पर नहीं पहुंचे थे।
जंगल पर बढ़ता अतिक्रमण
कबीरधाम के जंगलों (Kabirdham Forests) में दिनोंदिन अतिक्रमण (encroachment) बढ़ता जा रहा है। लोग जंगल के भीतर खेत और घर बनाकर स्थायी रूप से कब्जा कर रहे हैं। इससे वन्यजीवों का प्राकृतिक रहवास सिमटता जा रहा है और वे गांव-शहर की ओर भटकते हैं, जहां उनकी जान का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इस तरह की घटनाएं इसका भयावह प्रमाण हैं।
बीट रक्षक नदारद
वन विभाग ने प्रत्येक बीट (forest beat) में वनरक्षक की तैनाती कर रखी है, जिन्हें 24 घंटे निगरानी में रहना होता है। लेकिन हकीकत यह है कि अधिकतर वनरक्षक (forest guards) ड्यूटी छोड़ घर पर रहते हैं। वे केवल अधिकारियों के दौरे या किसी बड़ी घटना के बाद ही क्षेत्र में दिखाई देते हैं। इस मामले में भी घटना की जानकारी मिलने के बावजूद कोई कर्मी मौके पर नहीं पहुंचा, जो विभाग की घोर लापरवाही को दर्शाता है।
कब सुधरेगा सिस्टम?
हर बार घटनाएं घटती हैं, जिम्मेदारियां तय नहीं होतीं और प्रकृति का नुकसान होता रहता है। जरूरत है कि वन विभाग अपनी ज़िम्मेदारियों को गंभीरता से निभाए और जंगलों को अतिक्रमण से मुक्त कर वन्यजीवों के लिए सुरक्षित बनाए। साथ ही इस तरह के अपराधियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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