CG Job News: छत्तीसगढ़ के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों और इससे जुड़े अस्पतालों में दो साल से भर्ती अटकी हुई है. जिसमें 6300 से ज्यादा नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती होनी है. यह भर्ती आरक्षण रोस्टर तय नहीं होने के चलते नहीं हो पा रही है. अधिकारी तय ही नहीं कर पा रहे हैं कि संभाग और जिला के रोस्टर में, किस रोस्टर का पालन किया जाएगा.
व्यापमं ने दो साल पहले भर्ती के लिए दे दी थी हरी झंडी
आपको बता दें कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में एक साथ भर्ती की जानी थी. व्यापमं के माध्यम से यह भर्ती होनी है. डीएमई कार्यालय के प्रस्ताव के बाद व्यापमं ने दो साल पहले भर्ती के लिए हरी झंडी दे दी थी. साल 2022 में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती एक साथ करने का फैसला लिया था.
यह प्रस्ताव जब बनाया गया था, तब 4 हजार पद खाली थे. जिसकी संख्या अब बढ़कर 6300 से ज्यादा पहुंच गई है. नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ का पद तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में आता है. पद खाली होने के चलते राजधानी समेत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों का कामकाज प्रभावित हो रहा है.
कई पदों पर होनी है भर्ती
अस्पतालों में स्टाफ नर्स से लेकर ओटी टेक्नीशियन, रेडियोग्राफर, वार्ड ब्वॉय, लैब टेक्नीशियन समेत कई पदों पर भर्ती होनी है. पिछले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव और इस साल मार्च में लोकसभा चुनाव के चलते डीएमई कार्यालय के अधिकारियों ने रोस्टर तय नहीं करने का हवाला दिया था. डिग्रीधारी युवा भर्ती नहीं होने से परेशान हैं और भर्ती का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
कोरबा, महासमुंद, दुर्ग मेडिकल कॉलेजों को भी भर्ती का इंतजार
बता दें कि हाईकोर्ट ने कांकेर मेडिकल कॉलेज में 539 पदों पर भर्ती पर स्टे लगा दिया था. दरअसल, कोर्ट में 58 फीसदी आरक्षण के अनुसार हो रही भर्ती को चुनौती दी गई थी. कोरबा, महासमुंद, दुर्ग मेडिकल कॉलेजों को भी भर्ती का इंतजार है.
ये कॉलेज नए हैं और इनमें स्टाफ की जरूरत है. सरकार ने कॉलेज के लिए 324 और अस्पतालों के लिए 471 पदों की स्वीकृति दी है. वहीं कुछ कॉलेज और अस्पताल में 825 पदों पर भर्ती की जाएगी. उधर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने खुद भर्ती करने का फैसला लिया है, लेकिन वहां भी प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है.
अधिकारी तय नहीं कर पा रहे कब तय होगा रोस्टर
हाईकोर्ट ने सितंबर 2022 में 58 फीसदी आरक्षण पर रोक लगा दी थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका पर पिछले साल मार्च में इस पर स्टे दे दिया था. डीएमई कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, 58 फीसदी आरक्षण पर उन पदों पर भर्ती की जा रही है, जिसकी प्रक्रिया शुरू चुकी थी.
वहीं नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई थी, जिसके चलते 58 फीसदी आरक्षण के अनुसार भर्ती नहीं हो सकती. इसी वजह से व्यापमं को प्रस्ताव बनाकर नहीं भेजा गया. अधिकारी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि रोस्टर कब तय होगा.
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