Janjatiya Gaurav Divas 2024: छत्तीसगढ़ में 13 नवंबर से जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रमों की शुरुआत होने जा रही है। आज केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया 7 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। इस आयोजन में 10 हजार माई भारत यूथ वॉलंटियर्स हिस्सा ले रहे हैं। इस आयोजन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत कई मंत्री शामिल होंगे। इस आयोजन की शुरुआत एक पेड़ मां के नाम अभियान से होगी।
जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर पदयात्रा आज बुधवार को सुबह 10 बजे से शुरू हो रही है। जहां जशपुर के पदयात्रा कोमड़ो गांव से शुरू होकर 7 किलोमीटर रणजीत स्टेडियम पर जाकर समाप्त होगी। इसके बाद सीएम साय दोपहर 2 बजे जशपुर के विवेकानंद कॉलोनी पहुंचेंगे।
पदयात्रा का नेतृत्व करेंगे मांडविया
केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया (Dr Mansukh Mandaviya) छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। वे यहां सीएम विष्णु देव (CM Vishnu Deo Sai) के साथ जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) पदयात्रा का नेतृत्व करेंगे। आयोजन भगवान बिरसा मुंडा की जयंती (Birsa Munda Jayanti) के मौके पर हो रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक, धरोहर और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान का सम्मान करना और उन्हें संरक्षित करना है।
वॉलंटियर ले रहे बड़ी संख्या में हिस्सा
इस आयोजन में 10 हजार से ज्यादा माई भारत यूथ वॉलंटियर्स हिस्सा लेंगे। ये सभी आदिवासी विरासत की रक्षा, समावेशिता को बढ़ावा व सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार करने के साथ ही जागरूकता फैलाने का काम करेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत सांस्कृतिक अभिनय और आदिवासी विरासत की प्रचुरता को दर्शाने वाले नृत्य-गान से होगी।
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प्रदर्शन खास रहेगी आकर्षण का केंद्र
पदयात्रा के दौरान एक प्रदर्शनी स्थल पर ऐतिहासिक विरासत भी दिखाई जाएगी। इस प्रदर्शन में आदिवासी आंदोलन, आदिवासी नायकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। वहीं प्रदर्शनी में देश के आदिवासी समुदायों की अनूठी कलात्मकता व उनके शिल्प कौशल को प्रदर्शित किया जाएगा।
मांडविया की पदयात्रा में ये रहेंगे मुख्य आकर्षण
पदयात्रा में जो आकर्षण रहेंगे, उसमें सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव मनाया जाएगा। इसमें आदिवासी नृत्य और संगीत, स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी नेताओं के योगदान को दर्शाया जाएगा। वहीं आदिवासी नृत्य और सांस्कृतिक प्रदर्शन भी किए जाएंगे। इसी के साथ ही प्रदर्शनी में ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलन समेत अन्य योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा।
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