CG Inter-Caste Marriage Scam: छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे ज्यादा घोटाले उजागर हुए हैं, लेकिन यह घोटाला अलग तरह का है। जहां सरकार के द्वारा संचालित इंटर कास्ट मैरिज के दौरान दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि हड़प ली गई है।
इस घोटाले (CG Inter-Caste Marriage Scam) में यह खुलासा हुआ है कि जो पुरुष पहले से ही शादीशुदा थे, उन्होंने सरकार की अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ लिया और सरकार से करीब 32 लाख रुपए हड़प लिए।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में अस्पृश्यता निवारण को लेकर चल रही अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बड़ा घोटाला (CG Inter-Caste Marriage Scam) उजागर हुआ है। इस योजना का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है।
13 लोगों ने गलत तरीके से 2 लाख 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि ली है। इन्होंने पहले आर्य समाज मंदिर में फर्जी विवाह कर दस्तावेज प्रस्तुत कर योजना का लाभ लिया। जबकि ये सभी पहले से ही शादीशुदा थे। इस मामले की जांच में 13 लोग अपात्र मिले हैं, जिन पर अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं।
इस उद्देश्य से दी जाती है ये राशि
छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा अस्पृश्यता निवारण (eradication of untouchability) के लिए अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना चला रही है। इसके तहत अस्पृश्यता उन्मूलन (abolition of untouchability) की दिशा में गैर अनुसूचित जाति के युवक या फिर युवती यदि किसी एससी (अनुसूचित जाति) के युवक या फिर युवती से शादी करते हैं तो उन्हें यह प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसका उद्देश्य संबंधित युवक-युवती के द्वारा अनटचेविल्टी को खत्म करने के लिए उठाए गए आदर्श कदम की सराहना करना है। इसके साथ ही सभी समाज में समानता लाना भी इसका उद्देश्य है।
इस तरह दो किस्तों में देते हैं राशि
इंटर कास्ट मैरिज (CG Inter-Caste Marriage Scam) के दौरान जो प्रोत्साहन राशि दी जाती है पुरस्कृत और सम्मान के रूप में दी जाती है। इस दौरान 1 लाख रुपए शादी के तुरंत बाद संबंधित के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
इसके बाद 1 लाख 50 हजार रुपए दम्पती के संयुक्त नाम और सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग के पद के नाम से संयुक्त रूप से राष्ट्रीयकृत बैंक में 3 साल के लिए एचडी रखी जाती है। कुल राशि 2 लाख 50 हजार रुपए दी जाती है। इसी राशि को को लेने के उद्देश्य से 13 लोगों ने शासन के नियम और निर्देशों के विरुद्ध शादी की।
दो-दो बीवियां रखीं, संतान भी छुपाई
जानकारी मिली है कि साल 2019 में अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना (CG Inter-Caste Marriage Scam) के माध्यम से 13 हितग्राहियों ने यह राशि हासिल की है। जिन्होंने प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने आर्य समाज मंदिर में दोबारा से शादी की, इसके बाद यह राशि निकाल ली।
जांच में सामने आया है कि इसमें से ज्यादातर पुरुष पहले से शादीशुदा थे। इतना था तो सब ठीक था, लेकिन कुछ पुरुष ने दो-दो बीवियां रखीं है। इसमें लाभार्थियों ने अपनी पहली पत्नी से शादी और उससे जन्म लेने वाले बच्चों का जन्म भी छुपाकर रखा। इन्होंने अपने बच्चों को व उनकी जन्म तारीख भी छुपाई और निसंतान प्रमाण-पत्र बनवाया। इसके बाद इस योजना का लाभ लिया।
शादी से पहले के बच्चे वाले भी लाभार्थी
मामला (CG Inter-Caste Marriage Scam) उजागर होने पर यह बात भी सामने आई है कि इसमें कुछ हितग्राही ऐसे हैं, जिनके बच्चे आर्य समाज में शादी करने से पहले के हैं और वे अब बड़े भी हो गए हैं। ऐसे हितग्राहियों ने भी आर्य समाज में शादी करने के दस्तावेज प्रस्तुत किए और योजना का लाभ ले लिया। जबकि यह अस्पृश्यता निवारण नियम के विरुद्ध है।
दूसरे जिले के हितग्राही को भी लाभ
इधर जांच (CG Inter-Caste Marriage Scam) में यह भी बात सामने आई है कि तीन ऐसे लाभार्थी हैं, जो कि दूसरे जिले के निवासी हैं। इनमें रायपुर, धमतरी और दुर्ग निवासी हैं। इन्होंने गरियाबंद जिले से प्रोत्साहन राशि अर्जित की है। जबकि नियमानुसार यह है कि जिले के हितग्राही को ही इस योजना का लाभ दिया जाता है। इस तरह हर व्यक्ति को 2 लाख 50 हजार रुपए की राशि जारी की गई। यह कुल राशि 32 लाख 50 हजार रुपए है, जिसकी चपत जिम्मेदारों की लापरवाही से शासन को लगी है।
पहले शिकायत, अब होगी एफआईआर
इस योजना में गलत तरीके से राशि हड़पने (CG Inter-Caste Marriage Scam) के मामले की शिकायत की गई। इस शिकायत पर अपर कलेक्टर ने सहायक आयुक्त गरियाबंद को पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए। इसी के साथ ही छानबीन के बाद सभी अपात्र व्यक्तियों के खिलाफ 31 अक्टूबर 2024 तक एफआईआर दर्ज कराने के भी निर्देश जारी किए हैं।
इन लोगों के खिलाफ होगी एफआईआर
अपर कलेक्टर ने जिन लोगों के खिलाफ जांच (CG Inter-Caste Marriage Scam) करने और एफआईआर के निर्देश दिए हैं, उनमें अमरदास टंडन, पुत्र हृदय राम टंडन, गांव-बकली, पोस्ट परसोदाजोशी, तहसील फिंगेश्वरं, टीकम रात्रे पुत्र रामाधीन रात्रे, गांव-पाली, पोस्ट-पेंड्रा, तहसील-फिंगेश्वर, गैंदराम सोनवानी पुत्र इंदल राम सोनवानी, गांव -पाली, पोस्ट-पेंड्रा, तहसील- फिंगेश्वर, मिरी अमरदास पुत्र केशोराम मिरी, गांव -बकली, पोस्ट- परसोदाजोशी, तहसील-फिंगेश्वर,
तामेश्वर राम मतावले, पुत्र मोती राम मतावले, गांव-देवगांव, पोस्ट- बेलर, तहसील फिंगेश्वरं, मोहित कुमार देवदास, पुत्र प्यारे लाल देवदास, गांव- पोलकर्रा पोस्ट-पेंड्रा, तहसील- फिंगेश्वर, अमरदास डहरिया, पुत्र भागवत डहरिया, गांव+पोस्ट- लोहरसी, तहसील-फिंगेश्वर, देवेन्द्र खुटे, पुत्र मनीराम खुटे, दिलीप बंजारे, पुत्र लक्षीराम बंजारे, गांव-बकली, पोस्ट- परसोदाजोशी, तहसील-फिंगेश्वर,
मोहन सिन्हा, पुत्र तुलसी राम सिन्हा, गांव- सेंदर, पोस्ट परसदाकला, तहसील- फिंगेश्वर, जितेन्द्र कुमार धृतलहरे, पुत्र हिरासिंह धृतलहरे, मोहन गंधर्व, पुत्र महेश गंधर्व, गांव तौरेंगा, तहसील-छुरा, राकेश टोडर, पुत्र बेनुराम टोडर, गांव- गोंदलाबाहरा, पोस्ट-अकलवारा, तहसील-छुरा पर एफआईआर के निर्देश दिए हैं।
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जांच में विभाग की लापरवाही भी उजागर
छत्तीसगढ़ शासन की अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के इस मामले की जांच (CG Inter-Caste Marriage Scam) की गई। इसमें आदिवासी विकास विभाग गरियाबंद की लापरवाही भी सामने आई है। इसमें विभाग ने शासन के निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं किया और हितग्राहियों को लाभ देने में शीघ्रता दिखाई। जबकि कई हितग्राही अपात्र थे।
इतना ही नहीं इनमें से कई लोग ऐसे थे, जिनके दस्तावेज अधूरे थे। इसके बाद भी अनेक हितग्राहियों (CG Inter-Caste Marriage Scam) को पात्र बताया और नस्ती प्रचालित की गई। इसके साथ ही आदिवासी विकास विभाग ने समिति से अनुमोदन ले लिया, जो कि गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता है। यह शिकायत प्रकरण में उचित कार्रवाई के लिए एफआईआर की जाना चाहिए।
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