Cg High Court PIL: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर (Bilaspur News) में नेशनल हाईवे-130 (National Highway 130) को महंगी गाड़ियों (Luxury Cars) से जाम करने और उस पर सिर्फ मामूली चालान की कार्रवाई किए जाने को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने कड़ी नाराजगी जताई है। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा (Chief Justice Ramesh Kumar Sinha) और न्यायमूर्ति बीडी गुरु (Justice BD Guru) की डिवीजन बेंच ने सवाल किया है कि जब गाड़ियों से ट्रैफिक में जानबूझकर रुकावट डाली गई, तो फिर वाहन जब्ती (Vehicle Seizure) की कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
सोशल मीडिया रील्स के लिए किया गया हाईवे ब्लॉक
मामला तब सामने आया जब कुछ रसूखदार युवकों ने नई लग्जरी कारें (new luxury cars) खरीदने के बाद उनका जश्न मनाने के लिए नेशनल हाईवे पर खतरनाक स्टंट और ड्रोन शूट (Drone Shoot on Highway) किया। इससे न केवल सड़क पर जाम लग गया, बल्कि आम लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वायरल वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कैसे युवकों ने बेतरतीब ड्राइविंग और हाईवे पर गाड़ियां अड़ाकर सुरक्षा नियमों की धज्जियां उड़ाईं।
पुलिस ने सिर्फ चालान काटा, हाईकोर्ट ने उठाए सवाल
पुलिस ने इन रसूखदार लड़कों पर केवल ₹2000 के चालान (Traffic Fine ₹2000) काटे हैं। जिन लड़कों पर कार्रवाई की गई है, उनमें वेदांश शर्मा, सिद्धार्थ शर्मा, यशवंत, दुर्गेश ठाकुर, विपिन वर्मा और अभिनव पांडेय शामिल हैं। लेकिन पुलिस ने उनकी पूरी जानकारी जैसे गाड़ियों के नंबर (Vehicle Numbers) या मॉडल सार्वजनिक नहीं किए।
एडिशनल एसपी ट्रैफिक राम गोपाल करियारे (Addl. SP Traffic Ram Gopal Kariyare) ने बताया कि यह घटना रतनपुर रोड पर हुई और त्वरित कार्रवाई के निर्देश एसएसपी रजनेश सिंह द्वारा दिए गए। फिर भी, पुलिस की कार्यवाही को लेकर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख (High Court Strict on Police) अपनाया है।
हाईकोर्ट ने मांगा शपथपत्र सहित जवाब
मुख्य न्यायाधीश ने इस पूरे मामले को जनहित याचिका (Public Interest Litigation) के रूप में लिया है और कहा है कि यह आम नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है। कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस से शपथपत्र (Affidavit) सहित विस्तृत जवाब मांगा है कि आखिर ऐसी गंभीर स्थिति में सिर्फ जुर्माना लगाना ही क्यों पर्याप्त समझा गया।
यह मामला न केवल कानून व्यवस्था बल्कि न्याय और समानता (Justice and Equality) पर भी सवाल खड़े करता है। आम जनता इस बात से नाराज है कि अगर आम आदमी ऐसा करता तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होती।