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Gariyaband Vendors Strike: फुटकर व्यापारियों की भूख हड़ताल प्रशासनिक भरोसे पर खत्म, शेड निर्माण तक नहीं होगा विस्थापन

Gariyaband Vendors Strike: फुटकर व्यापारियों की भूख हड़ताल प्रशासनिक भरोसे पर खत्म, शेड निर्माण तक नहीं होगा विस्थापन

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Harsh Verma
Gariyaband Vendors Strike:

Gariyaband Vendors Strike: गरियाबंद। नगर पालिका (Municipality) के शुक्रवारी बाजार (Shukrawari Bazaar) में फुटकर व्यापारियों (Footpath Vendors) द्वारा चलाए जा रहे भूख हड़ताल (Hunger Strike) का रविवार को प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद समापन हो गया।

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शनिवार सुबह 10 बजे शुरू हुई यह हड़ताल करीब 30 घंटे चली, जिसमें व्यापारियों ने बाजार में हो रहे नए शेड और चबूतरों के आबंटन में पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप लगाया था।

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गांधी मैदान बना आंदोलन का केंद्र

गांधी मैदान में डटे व्यापारियों ने नगर पालिका के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। व्यापारियों का कहना था कि वे पिछले 15 से 20 वर्षों से वहां मनिहारी (General Merchandise), कपड़ा (Clothing) और चूड़ी (Bangles) जैसी वस्तुएं बेचते आ रहे हैं।

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इसके बावजूद नए बाजार विकास में उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। आंदोलन की अगुवाई करने वाले व्यापारियों में 9 लोग शामिल थे, जिनमें 5 महिलाएं थीं। वे अपने छोटे बच्चों के साथ पूरे समय डटी रहीं।

शुरू में तल्ख, फिर सहमति की राह पर बातचीत

प्रारंभिक बातचीत के दौरान व्यापारियों और नगर पालिका के बीच काफी तनाव रहा। व्यापारियों ने प्रशासन पर भेदभावपूर्ण नीति अपनाने का आरोप लगाया। इसी दौरान कोतवाली प्रभारी (Kotwali Incharge) ओमप्रकाश (Omprakash) ने शांतिपूर्ण संवाद की अपील की। इसके बाद माहौल थोड़ा सहज हुआ।

CMO ने दिया भरोसा, नहीं होगा विस्थापन

पालिका सीएमओ (CMO) गिरीश चंद्रा (Girish Chandra) रविवार को पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम के साथ गांधी मैदान पहुंचे।

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उन्होंने भरोसा दिलाया कि जब तक नए शेड पूरी तरह से नहीं बन जाते, तब तक किसी भी पुराने दुकानदार को विस्थापित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा व्यापारियों की समस्याओं को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को कलेक्टर से मिलेगा।

जनप्रतिनिधियों की रही अहम भूमिका

इस समझौते को सफल बनाने में नगर पार्षद (Municipal Councilor) पुना राम यादव (Puna Ram Yadav), छगन यादव (Chhagan Yadav) और गेंदलाल सिन्हा (Gendalal Sinha) की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन जनप्रतिनिधियों ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की और समाधान का रास्ता निकाला।

बारिश बनी चुनौती, प्रशासन ने किया हस्तक्षेप

रविवार दोपहर तेज बारिश के कारण धरना स्थल गीला हो गया, जिससे प्रदर्शनकारी बीमार पड़ सकते थे। इसे देखते हुए प्रशासन तुरंत हरकत में आया और मौके पर पहुंचकर व्यवस्था संभाली।

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आखिर में कोतवाली प्रभारी ओमप्रकाश ने भूख हड़ताल पर बैठे लोगों को पानी पिलाकर उनका अनशन समाप्त करवाया।

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