रायपुर। CG Elections 2023: छत्तीसगढ़ में भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की दो सूची जारी कर दी हैं, जिसमें 85 उम्मीदवारों के नाम सामने आए हैं। वहीं कांग्रेस अभी भी इस मामले में पीछे रह गई है।
OBC के 31 नेताओं को दिया मौका
अगर इन प्रत्याशियों के जातिगत समीकरण की बात की जाए, तो बीजेपी ने घोषित प्रत्याशियों में ओबीसी वर्ग के 31 नेताओं को चुनावी मौदान में उतारा है।
जो अब तक घोषित कुल सीटों का लगभग 36.5 प्रतिशत है, वहीं प्रदेश में पांच सामान्य सीटों पर टिकट का वितरण होना अभी बाकी है। इनमें से और एक-दो सीटों से भाजपा ओबीसी को टिकट दे सकती है।
2018 में 25% प्रत्याशियों की दिया था मौका
वहीं अगर पिछले विधानसभा चुनाव की बता की जाए, तो भाजपा ने ओबीसी के 25 प्रतिशत प्रत्याशी उतारे थे। यानी इस बार भाजपा ने ओबीसी का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा दिया है।
मप्र में बीजेपी के 79 प्रत्याशी घोषित
वहीं मध्य प्रदेश की बात करें तो भाजपा वहां कुल 230 विधानसभा सीटों में से अब तक 79 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।
जिनमें 40 ओबीसी से हैं। यह घोषित सीटों का 29 प्रतिशत है। यानी भाजपा ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के मुद्दे को खत्म कर दिया। लेकिन कांग्रेस दोनों ही राज्यों में अब तक एक भी प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई है।
85 सीटों पर इन्हें मिला मौका
85 सीटों पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिया हैं, जिसमें 31 सीटों पर ओबीसी, 30 सीटों पर एसटी वर्ग, 10 सीटों पर एससी, 14 महिलाओ को टिकट दिया है।
वहीं इस बार बीजेपी ने 43 नए प्रत्याशियों को पहली बार चुनावी मैदान में उतारा है, वहीं 34 प्रत्याशी 50 वर्ष से कम आयु के मैदान में हैं।
आरक्षण विधेयक राजभवन में लंबित
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ओबीसी के लिए मौजूदा 14 प्रतिशत आरक्षण को 27 प्रतिशत करने का संशोधन विधेयक पारित कराया है।
इसमें अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (एससी) को 13 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग को चार प्रतिशत के साथ कुल 76 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रविधान है। यह विधेयक राजभवन में लंबित है।
मध्य प्रदेश का आरक्षण विधेयक कोर्ट में लंबित
इधर मध्य प्रदेश में भी 2018 में बनी कांग्रेस सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ओबीसी को दिए जा रहे 14 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। तब से ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है।
हालांकि यह मामला कोर्ट में लंबित है। ओबीसी आरक्षण के साथ कांग्रेस अब बिहार में हुई जातिगत जनगणना को चुनावी मंचों पर हवा दे रही है।
कांग्रेस ने की जातिगत जनगणना की घोषणा
छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य नेताओं ने भी यहां फिर सरकार बनने पर जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की है।
छत्तीसगढ़ में ओबीसी वर्ग से 22 विधायक और पांच लोकसभा सदस्य हैं। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में सामान्य वर्ग के लिए 51 सीट, एससी के लिए 10 सीट और एसटी के लिए 29 सीट आरक्षित है।
ओबीसी वर्ग का दावा
ओबीसी वर्ग का दावा है कि उनकी आबादी प्रदेश में 52 प्रतिशत है जबकि क्वांटिफाइबल डाटा आयोग के अनुसार प्रदेश में इनकी आबादी 42 प्रतिशत तक है।
जातिगत जनगणना को लेकर पूरे देश की राजनीति फिलहाल गरमाई हुई है। साथ ही ‘जितनी जिसकी आबादी उतना उसका हक’ का नारा बुलंद किया जा रहा है।
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