रायपुर: राष्ट्रपति निर्वाचन के लिए 18 जुलाई को होने वाले मतदान की विधानसभा भवन में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।बता दें सोमवार को प्रदेश के 90 विधायक वोट डालेंगे।सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा।छत्तीसगढ़ के एक विधायक का मत मूल्य 129 है।देशभर के निर्वाचित विधायक राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान करेंगे, जिससे उत्तर प्रदेश के विधायकों का मत मूल्य सबसे अधिक होगा, जबकि सिक्किम के विधायकों का मत मूल्य सबसे कम होगा. वहीं, सांसदों का मत मूल्य उनसे कहीं अधिक 700 होता है।
विधायकों के मूल्य की राज्यवार स्थिति
जैसे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विधायकों का मत मूल्य सबसे अधिक होता है, तो सिक्किम (Sikkim) के विधायकों का मत मूल्य सबसे कम होता है. वहीं सांसदों का मत मूल्य विधायकों के मूल्य से कहीं अधिक 700 होता है. उत्तर प्रदेश के 403 विधायकों में से प्रत्येक का मत मूल्य 208 है, यानी उनका कुल मूल्य 83,824 है. तमिलनाडु और झारखंड के प्रत्येक विधायक का मत मूल्य 176 है.
महाराष्ट्र काे विधायक का मूल्य 175, बिहार का 173 और आंध्र प्रदेश के प्रत्येक विधायक का मत मूल्य 159 है. इसी तरह तमिलनाडु की 234 सदस्यीय विधानसभा का कुल मत मूल्य 41,184 है. वहीं झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा का कुल मत मूल्य 14,256 है. महाराष्ट्र विधानसभा के 288 विधायकों का कुल मत मूल्य 50,400 है और बिहार विधानसभा के 243 सदस्यों का मत मूल्य 42,039 है. वहीं, 175 सदस्यीय आंध्र प्रदेश विधानसभा का कुल मत मूल्य 27,825 है.
1971 की जनगणना है आधार
किसी विधायक का मत मूल्य 1971 की जनगणना के अनुसार उस राज्य की कुल आबादी के आधार पर गिना जाता है. छोटे राज्यों में सिक्किम के प्रत्येक विधायक का मत मूल्य सात है. इसके बाद अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम का मत मूल्य आठ-आठ, नगालैंड का नौ, मेघालय का 17, मणिपुर का 18 और गोवा का मत मूल्य 20 है. केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के एक विधायक का मत मूल्य 16 है.
सिक्किम में 72 सदस्यीय विधानसभा का कुल मत मूल्य 224, मिजोरम विधानसभा में 40 सदस्यों का मत मूल्य 320, अरुणाचल प्रदेश के 60 विधायकों का मत मूल्य 480, नगालैंड के 60 सदस्यों का मत मूल्य 540, मेघालय के 60 सदस्यों का मत मूल्य 1,020, मणिपुर विधानसभा के 60 सदस्यों का मत मूल्य 1,080 और 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा का मत मूल्य 800 है.