हाइलाइट्स
- पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता के खिलाफ सख्त कार्रवाई
- दुर्ग पुलिस अधीक्षक ने तीन पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड
- दो अलग-अलग मामलों में की गई तीनों के खिलाफ कार्रवाई
Durg SP Action: दुर्ग पुलिस अधीक्षक (SP) जितेंद्र शुक्ला ने पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। गांजा मामले में संलिप्तता और महिला से मारपीट के दो अलग-अलग मामलों में तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। निलंबन के दौरान तीनों को पुलिस लाइन अटैच किया गया है।
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गांजा केस में दो प्रधान आरक्षक निलंबित
मिली जानकारी के अनुसार, एसीसीयू (Anti Crime and Control Unit) की टीम ने एक गांजा तस्करी मामले में जांच की। इस दौरान प्रधान आरक्षक शगीर अहमद खान और अजय गहलोत की भूमिका संदिग्ध पाई गई। जब इस मामले की शिकायत दुर्ग एसपी को मिली, तो उन्होंने दोनों को नोटिस जारी किया। उचित जवाब न देने पर एसपी जितेंद्र शुक्ला ने उन्हें निलंबित करने का आदेश दिया।
महिला से मारपीट का मामला, जामुल थाने का आरक्षक निलंबित
जामुल थाने में पदस्थ आरक्षक तरुण देशलहरे को भी एसपी ने निलंबित कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, 8 मार्च को उमरपोटी निवासी पायल (32 वर्ष) ने तरुण देशलहरे पर मारपीट का आरोप लगाया था। इस मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपी आरक्षक के खिलाफ पुलिस विभाग ने तत्काल कार्रवाई की।
एसपी की सख्ती से पुलिस महकमे में हलचल
एसपी जितेंद्र शुक्ला द्वारा की गई इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में खलबली मच गई है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि पुलिसकर्मियों की लापरवाही और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इससे पहले भी वे अपराधियों को संरक्षण देने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर चुके हैं।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी?
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस विभाग में अनुशासन बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई आवश्यक थी। उन्होंने कहा कि जनता का पुलिस पर भरोसा कायम रखने के लिए किसी भी संदिग्ध गतिविधि में शामिल पुलिसकर्मियों पर तुरंत कार्रवाई होगी।
आगे क्या होगा?
इन तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। जांच पूरी होने के बाद इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।