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दुर्ग में बच्‍चा बदलने का मामला: जिला अस्‍पताल में दो धर्म के बच्‍चे बदले, अब डीएनए टेस्‍ट से पता चलेगा बच्‍चा किसका?

Chhattisgarh Durg District Hospital Newborn Baby Swapping Case; छत्‍तीसगढ़ दुर्ग जिला अस्पताल के मदर चाइल्ड वार्ड में बच्चा बदलने का मामला अब डीएनए टेस्ट तक पहुंच गया है। दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने जांच समिति और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. हेमंत साहू को डीएनए टेस्ट

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Sanjeet Kumar
Child DNA Test

Child DNA Test

Child DNA Test: छत्‍तीसगढ़ दुर्ग जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में बच्चा बदलने का मामला अब DNA टेस्ट तक पहुंच गया है। दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने जांच समिति और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. हेमंत साहू को DNA टेस्ट कराने के आदेश दिए हैं। जल्द ही डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

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सिविल सर्जन डॉ. साहू ने बताया कि बच्चा बदलने (Child DNA Test) के मामले में गठित जांच समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है। समिति ने अपनी रिपोर्ट न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के सामने पेश की है। रिपोर्ट के अवलोकन के बाद समिति ने बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए डीएनए टेस्ट कराने का आदेश जारी किया है।

दोनों नवजात स्वस्थ, डीएनए टेस्ट संभव

CG Child DNA Test

सिविल सर्जन डॉ. हेमंत साहू ने दोनों नवजात शिशुओं (Child DNA Test) का हेल्थ चेकअप शिशुरोग विशेषज्ञ द्वारा कराया। जांच के बाद पाया गया कि दोनों बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं और डीएनए टेस्ट किया जा सकता है। आज डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

शबाना के परिवार ने दबाव बनाया

Durg Child Case DNA Test

स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन (Child DNA Test) पर दबाव बनाने के लिए शबाना कुरैशी के परिवार वाले एक दिन पहले जिला अस्पताल दुर्ग पहुंचे थे। उन्होंने नवजात को शबाना के साथ शिशु वार्ड में भर्ती करा दिया और कहा कि जब तक यह निर्णय नहीं हो जाता कि कौन सा बच्चा किसका है, वे जच्चा और बच्चा दोनों को डिस्चार्ज नहीं करवाएंगे।

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साधना डीएनए टेस्ट के लिए तैयार नहीं

कलेक्टर ने सिविल सर्जन डॉ. साहू को निर्देश दिया कि वे बच्चों के डीएनए टेस्ट (Child DNA Test) की तैयारी करें। हालांकि, एक बड़ी अड़चन यह है कि शबाना और उसके परिवार वाले डीएनए टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन साधना न तो बच्चा देने के लिए तैयार है और न ही डीएनए टेस्ट के लिए। अब जिला प्रशासन उन पर दबाव बनाकर डीएनए टेस्ट करवाएगा।

शबाना के परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया

शबाना के परिजनों का कहना है कि जिला प्रशासन इस पूरे मामले में लापरवाही बरत रहा है। घटना (Child DNA Test) को इतने दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी को निलंबित तक नहीं किया गया है। न ही उस महिला पर दबाव बनाया जा रहा है, जो बच्चा देने के लिए तैयार नहीं है।

जानें पूरा मामला क्या है?

Durg Child Child DNA Test

मामला 23 जनवरी का है। दुर्ग जिला अस्पताल (Child DNA Test) के मदर चाइल्ड यूनिट में भर्ती शबाना कुरैशी और साधना सिंह ने दोनों ने बच्चों को जन्म दिया था। अस्पताल के स्टाफ ने बच्चे को नहलाने के बाद शबाना का बच्चा साधना को और साधना का बच्चा शबाना को सौंप दिया था। 3 दिन बाद जब शबाना डिस्चार्ज होकर घर पहुंची और बच्चे को नहलाने के दौरान साधना सिंह के नाम का चिट देखा तो उसे शंका हुई।

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फोटो से हुआ मामला सामने

डिलिवरी के दौरान बच्चे और मां की ली गई फोटो से मिलान कराया गया तो यह साबित हुआ कि बच्चा (Child DNA Test) बदल गया था। शबाना साधना को उसका बच्चा देने को तैयार है, लेकिन साधना ने बच्चा बदलने से ही मना कर दिया है।

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शबाना के भाई ने फोटो का जिक्र किया

शबाना कुरैशी के भाई आमिर खान का कहना है कि जन्म के समय अस्पताल (Child DNA Test) की ओर से मां के साथ बच्चे की फोटो ली जाती है और वह फोटो बाद में परिजनों को दी जाती है। जो फोटो शबाना को दी गई है, उसमें बच्चे के चेहरे पर कहीं भी तिल का निशान नहीं है, जबकि उसे जो बच्चा दिया गया, उसके चेहरे पर तिल का निशान है।

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दोनों बच्चों के जन्म में भी ज्‍यादा अंतर नहीं

सिविल सर्जन डॉ. हेमंत साहू के मुताबिक, दोनों बच्चों के जन्म में 7 मिनट का अंतर है। 23 जनवरी को शबाना कुरैशी (पति अल्ताफ कुरैशी) ने दोपहर 1:25 बजे बेटे को जन्म दिया। इसके बाद साधना सिंह ने दोपहर 1:32 बजे बेटे को जन्म दिया।

अस्पताल में पहचान के लिए टैग पहनाया गया

अस्पताल में नवजात शिशुओं की पहचान के लिए जन्म के तुरंत बाद उनके हाथ में मां के नाम का टैग पहनाया गया और दोनों प्रसूताओं की बच्चे के साथ फोटो खींची गई। लेकिन इसके बाद भी बच्चा बदल गया।

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