Durg Bhilai Digital Arrest: छत्तीसगढ़ से डिजिटल अरेस्ट का एक और मामला सामने आया है। दुर्ग-भिलाई में सुप्रीम कोर्ट के गिरफ्तारी वारंट का झांसा देकर साइबर ठगों ने 49 लाख की ठगी की है। साथ ही एक कंपनी के अधिकारी को 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा।
ठगों की बाते सुनकर पीड़ित इन्द्र प्रकाश कश्यप (Durg Bhilai Digital Arrest) इतना डर गए कि उन्होंने आरोपियों के कहे मुताबिक 49 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। हालांकि जब खुद के ठगे जाने का अहसास हुआ तो तुरंत पुलिस को सूचना दी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
भिलाई थाने में की शिकायत
सुप्रीम कोर्ट के वारंट का झांसा (Durg Bhilai Digital Arrest) देकर साइबर ठगों ने 49 लाख की साइबर ठगी कर ली। जिसके बाद भिलाई सेक्टर के रहने वाले और पश्चिम बंगाल खड़कपुर स्थित रश्मि ग्रुप आफ कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट इंद्रप्रकाश कश्यप को 49 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी के बाद भिलाई नगर थाने में मामला दर्ज कराया गया है।
अनजान नंबर ने कर दिया 5 दिन अरेस्ट
दरअसल पीड़ित इन्द्र प्रकाश कश्यप को फोन पर धमकी देकर 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट (Durg Bhilai Digital Arrest) रखा गया। इंद्रप्रकाश कश्यप प्राइवेट कंपनी रश्मि ग्रुप कंपनी पश्चिम बंगाल के खड़कगपुर में अधिकारी के पद पर कार्यरत है। उन्होंने दुर्ग पुलिस को लिखित में शिकायत दी कि 7 नवंबर को खड़कपुर पश्चिम बंगाल में थे। तभी अचानक एक अनजान नंबर से उनके पास फोन आया। फोन पर बात करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया। उसने कहा कि उनके आधार कार्ड से सिम जारी करवाकर 29 लोगों को आपत्तिजनक मैसेज भेजे गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया वारंट
इसके बाद आरोपी ने मुंबई के कथित साइबर ब्रांच का अधिकारी को फोन ट्रांसफर (Durg Bhilai Digital Arrest) किया। पीड़ित इंद्रप्रकाश कश्यप को साइबर ब्रांच के अधिकारी ने कहा कि उनके आधार कार्ड से मलाड मुंबई के केनरा बैंक में खाता खोला गया है। उस खाते से करोड़ों का लेनदेन किया गया है। उसमें जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खाते से भी लेनदेन होने का सबूत मिला है। इसके आधार पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तारी वारंटी जारी किया है।
आरोपी वीडियो कॉल से रख रहे नजर
यह सुनते ही पीड़ित इंद्र प्रकाश भयभीत हो गया, जिसके बाद आरोपियों (Durg Bhilai Digital Arrest) ने फायदा उठाकर कहा कि जांच होने तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर रहे हैं। आरोपी समय पर वीडियो कॉल कर उसकी गति गतिविधि पर नजर रखने लगे। फिर आरोपी ने कहा कि वह सीक्रेट्स सुपरविजन अकाउंट खोल रहे हैं।
जिसमें उन्होंने सभी खातों के जमा रुपए का ट्रांसफर (Durg Bhilai Digital Arrest) करना होगा। जिसे दो दिन बाद वापस कर दिया जाएगा। इसके बाद आरोपियों के कहे अनुसार पीड़ित ने 49 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए, लेकिन जब इंद्रप्रकाश कश्यप को यह बात समझ आई तो उसने तत्काल पुलिस को लिखित में सूचना दर्ज कराई। फिलहाल पुलिस ने मामला कायम कर विवेचना में जुट गई, वहीं पश्चिम बंगाल पुलिस से भी कोऑर्डिनेशन किया जा रहा है।
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डिजिटल अरेस्ट नया साइबर अपराध
साइबर एक्सपर्ट संकल्प राय ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट (Durg Bhilai Digital Arrest) एक नया प्रकार का साइबर अपराध है। साइबर ट्रक के द्वारा स्वयं को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को विश्वास दिलाता है कि अपराध किया है। उन्हें डिजिटल गिरफ्तार कर लेता है। उन्होंने लोगों से अपील किया है, कि ऐसी फेक कॉल्स पर कभी भी आप विश्वास ना करें, ऐसा कॉल आता है तो तुरंत पुलिस को सूचित किया जाए।
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