CG Coal Scam: छत्तीसगढ़ के चर्चित कोयला घोटाले मामले में निलंबित आईएएस रानू साहू और सौम्या चौरसिया को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।. कोर्ट ने दोनों को 4 दिनों की रिमांड पर EOW को सौंप दिया है. 27 मई तक अब EOW की टीम दोनों अधिकारियों से पूछताछ करेगी. बता दें कि ईओडब्ल्यू ने कोयला घोटाले मामले में 15 दिनों की रिमांड कोर्ट से मांगी थी.
500 करोड़ रुपए अवैध उगाही को लेकर हो रही जांच
दरअसल छत्तीसगढ़ में कथित कोयला घोटाले में प्रर्वतन निदेशालय ने 500 करोड़ रुपए अवैध उगाही को लेकर जांच शुरू की थी. इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था. आरोप लगाया गया कि वसूली के लिए नियमों में बदलाव किया गया था. ED ने मामले में सूर्यकांत तिवारी, IAS समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया, IAS रानू साहू और कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल समेत अन्य को अलग-अलग दिन पर गिरफ्तार किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनील अग्रवाल को दी थी जमानत
बता दें कि इसी मामले में कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आरोपी सुनील अग्रवाल को जमानत दे दी है. इससे पहले हाईकोर्ट ने इंद्रमणि कोल ग्रुप के डायरेक्टर सुनील अग्रवाल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. ED ने कोयला घोटाला केस में सुनील अग्रवाल को 11 अक्टूबर 2022 को गिरफ्तार किया था. सुनील अग्रवाल पर कोयले की अवैध कमाई से मिले काले धन को सफेद करने और संपत्तियों में निवेश करने का आरोप है
IAS समीर विश्नोई से पहले हो चुकी है पूछताछ
17 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के प्रतिवेदन के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने मामले (CG Coal Levy Scam) में FIR दर्ज की थी. जिसके बाद EOW और ACB ने जांच शुरू की थी. जेल में बंद आरोपी निलंबित IAS समीर विश्नोई, शिवशंकर नाग और सूर्यकांत तिवारी से इससे पहले पूछताछ हो चुकी है. 29 मार्च से 2 अप्रैल तक पूछताछ के लिए स्पेशल कोर्ट ने इजाजत दी थी.
कोयला घोटाले मामले में ED के प्रतिवेदन पर ACB और EOW ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों समेत 36 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है. इस मामले पर ACB की टीम ने जांच शुरू कर दी है।
11 लोगों को किया गया गिरफ्तार
ED ने 540 करोड़ रुपए के कोल लेवी स्कैम में निलंबित IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया के साथ IAS समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और जेडी माइनिंग एसएस नाग और कांग्रेस विधायक समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. ये सभी न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं. इन लोगों से पूछताछ के बाद इनके घरों से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं.
ईडी ने पिछले साल 540 करोड़ के अवैध कोल परिवहन का मामला दर्ज किया था. कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपए कमीशन हड़पने का आरोप है. ये वूसली सिंडिकेट करता था. सिंडिकेट के लोगों के नाम पर ही FIR दर्ज की गई है.
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