रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित कोयला लेवी घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को छत्तीसगढ़ और कुछ अन्य राज्यों में कई स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ में राजधानी रायपुर, कोरबा, दुर्ग और रांची (झारखंड) तथा बेंगलुरु (कर्नाटक) में छापेमारी की जा रही है। ईडी के दलों के साथ केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सशस्त्र कर्मी भी मौजूद हैं।
आईएएस अधिकारी एवं छत्तीसगढ सरकार में जल संसाधन, पर्यटन और संस्कृति विभाग के सचिव अंबालागन पी. से जुड़े परिसरों में भी छापेमारी की जा रही है। वर्ष 2004 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी अंबालागन पी. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में खनिज संसाधन विभाग के सचिव के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। उनकी पत्नी अंबालागन डी. नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग व वित्त विभाग में सचिव पद पर तैनात हैं।
2004 बैच की ही आईएएस अधिकारी इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार में भूविज्ञान एवं खनन विभाग के निदेशक के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं। अधिकारियों ने बताया कि कुछ नेताओं, उनसे जुड़े व्यवसायों और कुछ कोयला कारोबारियों के यहां भी छापेमारी की जा रही है। संघीय एजेंसी ने छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में काम कर रहे 2009 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी समीर विश्नोई के खिलाफ छापेमारी के बाद अक्टूबर में कथित घोटाले में धन शोधन की जांच शुरू की।
विश्नोई पूर्व में भूतत्व एवं खनन विभाग के निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं और मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) के प्रबंध निदेशक थे। एजेंसी के अनुसार, ईडी की जांच एक बड़े घोटाले से जुड़ी है, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, कारोबारियों, नेताओं और बिचौलियों के एक गिरोह द्वारा छत्तीसगढ़ में प्रत्येक टन कोयले पर 25 रुपये की अवैध उगाही की जा रही थी।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, उनके एक रिश्तेदार लक्ष्मीकांत तिवारी और एक अन्य कारोबारी सुनील अग्रवाल को अभी तक मामले में गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने दावा किया है कि चौरसिया, विश्नोई और कुछ कोयला कारोबारियों ने कथित रूप से बेनामी संपत्ति बनाने के लिए अपने रिश्तेदारों का इस्तेमाल किया।
मामले में ईडी ने 150 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है। संघीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि कोयला लेवी घोटाला करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य में एक बड़ी साजिश रची गई, जिसमें पिछले दो वर्षों में 540 करोड़ रुपये की उगाही की गई। धन शोधन का मामला आयकर विभाग की उस शिकायत के बाद सामने आया, जिसे जून 2022 में कर अधिकारियों द्वारा छापेमारी के बाद दर्ज किया गया था।