CG Coal Levy Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला लेवी घोटाले में फंसे तीन प्रमुख आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और पूर्व मुख्यमंत्री कार्यालय की उप सचिव सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने अंतरिम जमानत दे दी है।
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सख्त शर्तों के साथ मिली जमानत
जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) और जस्टिस दीपांकर दत्ता (Justice Dipankar Datta) की पीठ ने सुनवाई के दौरान यह साफ किया कि आरोपियों को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में रहने की अनुमति नहीं होगी। कोर्ट ने यह निर्देश गवाहों को प्रभावित करने की आशंका को ध्यान में रखते हुए दिया।
कोर्ट ने यह भी कहा कि जमानत की अवधि में तीनों आरोपी राज्य से बाहर ही रहेंगे और न्यायालय द्वारा तय अन्य शर्तों का पालन करेंगे।
EOW केसों में अभी जेल में रहना होगा
यह जमानत केवल प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) द्वारा दर्ज मामलों तक सीमित है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (Economic Offences Wing – EOW) द्वारा दर्ज अन्य मामलों में तीनों को अभी जेल में ही रहना होगा।
कानून विशेषज्ञों के अनुसार, यदि अन्य मामलों में भी अदालत से राहत मिलती है, तभी वे जेल से पूरी तरह बाहर आ सकेंगे।
क्या है कोयला घोटाला मामला?
छत्तीसगढ़ में कथित 500 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले में लेवी वसूली का मामला ED की रेड में सामने आया था। आरोप है कि कोयला परिवहन के दौरान कोयला व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था।
खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने इसके लिए 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी किया था। इसके लिए सिंडिकेट के जानवर को मारा गया। कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को पूरे मामले का मास्टरमाइंड माना जा रहा था। मामले में अभी जांच जारी है और आगे और कार्रवाई की संभावना व्यक्त की जा रही है।
तीनों आरोपी लंबे समय से थे न्यायिक हिरासत में
इन तीनों आरोपियों को ईडी ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था और वे काफी समय से न्यायिक हिरासत में थे। अब कोर्ट से मिली यह अंतरिम राहत उनके लिए बड़ी राहत मानी जा रही है, लेकिन कानूनी लड़ाई अभी लंबी है।
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