CG Gajarath Yatra: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) ने जशपुर (Jashpur) जिले के रणजीता स्टेडियम (Ranjita Stadium) से ‘गजरथ यात्रा’ (Gajarath Yatra) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा राज्य में मानव और हाथियों के बीच बढ़ते टकराव को कम करने और वन्यजीव संरक्षण (Wildlife Conservation) को लेकर जन-जागरूकता फैलाने की दिशा में एक नई पहल है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गांवों और जंगलों के करीब रहने वाले समुदायों को हाथियों के व्यवहार, उनसे जुड़ी सावधानियों और सह-अस्तित्व (Co-existence) के महत्व की जानकारी देना बेहद ज़रूरी है। इसी उद्देश्य से ‘गजरथ यात्रा’ के ज़रिए स्कूलों, पंचायतों और हाट-बाजारों में जाकर जानकारी दी जाएगी।
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पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण और अपील
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सिंदूर का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण (Environment Conservation) का संदेश दिया। उन्होंने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ (One Tree in Mother’s Name) अभियान के तहत सभी नागरिकों से वृक्षारोपण (Tree Plantation) की अपील की।
उन्होंने कहा कि पेड़ केवल ऑक्सीजन नहीं देते, बल्कि जलवायु संतुलन (Climate Balance), जैव विविधता (Biodiversity) और जल संरक्षण (Water Conservation) में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
वन कर्मचारियों को सम्मान और शैक्षणिक सामग्री का विमोचन
मुख्यमंत्री साय ने इस मौके पर वन विभाग (Forest Department) के उन कर्मचारियों को सम्मानित किया जिन्होंने वन्यजीव संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
साथ ही, उन्होंने हाथियों से जुड़ी सावधानियों और जानकारी से भरपूर लघु फिल्म (Short Film) और पुस्तिका का विमोचन किया। यह सामग्री स्कूली बच्चों, ग्रामीणों और आमजन में बांटी जाएगी ताकि वे हाथियों के व्यवहार को बेहतर तरीके से समझ सकें।
‘गजरथ यात्रा’ राज्य की बड़ी रणनीति का हिस्सा
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘गजरथ यात्रा’ छत्तीसगढ़ सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसका मकसद सतत विकास (Sustainable Development), जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय समुदायों की भागीदारी के ज़रिए वन्यजीवों के लिए सुरक्षित माहौल बनाना है।
कार्यक्रम में समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े (Laxmi Rajwade), योग आयोग अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा (Roop Narayan Sinha), पूर्व सांसद रणविजय सिंह जूदेव (Ranjivay Singh Judev), पद्मश्री जागेश्वर यादव (Padma Shri Jageshwar Yadav), समेत अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी, नागरिक, छात्र और योग संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।