Bijapur School Scotch Award: छत्तीसगढ़ के बीजापुर नक्सली इलाका है। किसी जमाने में इस इलाके में सिर्फ नक्सलियों की ही चलती थी। लेकिन अब बदलाव हो रहा है। इस जिले में कलेक्टर ने शिक्षा की अलख जगाई है। इसी का परिणाम है कि बीजापुर जिले को शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है।
बीजापुर जिले में स्कूल फिर चले अभियान (स्कूल वेंडे वर्राट पंडुम) को स्कॉच अवार्ड में सिल्वर अवार्ड (Bijapur School Scotch Award) मिला है। बीजापुर के तत्कालीन कलेक्टर अनुराग पांडेय के नेतृत्व में इलाके में शिक्षा की अलख जगाई गई थी। इसको लेकर जिला प्रशासन व समुदाय के बीच एक मजबूत संवाद बनाया था। इसको सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयास किया गया।
20 साल बाद बंद 28 स्कूल फिर खुले
तत्कालीन कलेक्टर अनुराग पांडेय (Bijapur School Scotch Award) की मेहनत का परिणा है कि नक्लवाद से प्रभावित इलाके में 20 साल बाद 28 स्कूल हो कि बंद पड़े हुए थे, फिर से खोले गए हैं। अब इन स्कूलों में नक्सल प्रभावित गांवों के बच्चे पढ़ाई भी करने लगे हैं। यहां शाला त्यागी बच्चों को दोबारा से प्रवेश दिया गया है। इन इलाके के बच्चों को 20 साल बाद शिक्षा का अधिका प्राप्त हुआ है।
इस वर्ग के बच्चों का किया सर्वे, पहुंचाया स्कूल
स्कूल फिर चले अभियान के तहत बीजापुर (Bijapur School Scotch Award) जिले में 550 गांवों में सर्वे किया गया। जहां टीम घर-घर जाकर बच्चों की स्थिति और शिक्षा के बारे में जानकारी एकत्रित किया। यहां 6 से 18 वर्ष के करीब 7 हजार बच्चों की पहचान हुई। इनमें से 4 हजार बच्चों की पहचान शाला त्यागी और अप्रवेशी के रूप में की गई। इनका फिर से प्रवेश सुनिश्चित कराया। विशेष रूप से, नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार के लिए किए प्रयासों ने सफलता पाई है।
शिक्षा के प्रति बढ़ा रुझान
ग्रामीणों में शिक्षा (Bijapur School Scotch Award) के प्रति जागरूकता का स्तर अब बढ़ने लगा है। इन इलाकों में जहां शिक्षा के महत्व को लेकर लोगों में जागरुकता नहीं थी। वहीं अब शिक्षा के महत्व को ग्रामीण समझने लगे हैं। अब माता-पिता भी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित हैं, और बच्चों को पढ़ाने में रुचि भी दिखा रहे हैं। अभियान के दौरान ग्रामीणों को शिक्षा के फायदे बताए गए और सरकारी योजनाओं की जानकारी भी उन्हें दी गई। अब उन्हें अपनी स्थिति सुधारने का मौका मिला है।
30 और नए स्कूल भी खोले गए
बीजापुर जिले में कलेक्टर (Bijapur School Scotch Award) रहे अनुराग पांडेय की पहल पर 24 स्कूल फिर से खोले, ये वे स्कूल थे, जो पिछले 20 साल से बंद पड़े हुए थे। इसी के साथ ही 30 से अधिक नए स्कूल भी इन इलाकों में खोले गए, जहां अब बच्चे भी स्कूल जाने में रुचि दिखा रहे हैं। अब यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति लाने वाला है। बच्चों के लिए नए अवसर देगा।
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समाज में सकारात्मक बदलाव भी आ रहा
बीजापुर में ‘स्कूल फिर चले अभियान’ ने नया बदलाव शुरू किया है। अब बीजापुर (Bijapur School Scotch Award) जिले ने शिक्षा के लिए नई दिशा और उज्जवल भविष्य को लेकर आगे कदम बढ़ाया है। इस अभियान से बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिल रहा है, इसी के साथ ही समाज में भी सकारात्मक बदलाव तेजी से हो रहा है।
कलेक्टर ने दिया इनको श्रेय
बीजापुर (Bijapur School Scotch Award) जिले में स्कूल फिर चले अभियान (स्कूल वेंडे वर्राट पंडुम) को स्कॉच अवार्ड में सिल्वर अवार्ड से सम्मानित किए जाने पर कलेक्टर रहे अनुराग पांडेय ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने इसका श्रेय मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन को दिया है। इसी के साथ ही जिले के जनप्रतिनिधि के सहयोग, अभियान से जुड़े शिक्षक, पंचायत और पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों की मेहनत को इस अवार्ड का श्रेय दिया है।
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