हाइलाइट्स
- बीजापुर में 22 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण
- विकास योजनाओं को बताया आत्मसमर्पण की वजह
- संगठन में मतभेद और सुरक्षित जीवन की इच्छा बताई वजह
CG Naxalites Surrender: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत बड़ी सफलता मिली है। जिले में 22 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी शासन की पुनर्वास और आत्मसमर्पण नीति से प्रेरित हुए हैं।
इन माओवादियों में 6 इनामी सदस्य भी शामिल हैं, जिन पर कुल 11 लाख रुपये का इनाम था। आत्मसमर्पण करने वालों में एओबी डिवीजन, तेलंगाना स्टेट कमेटी (TSC) और प्लाटून नंबर 9 एवं 10 के सदस्य भी शामिल हैं।
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क्यों किया आत्मसमर्पण?
माओवादियों ने बताया कि वे शासन की विकास योजनाओं, सड़क निर्माण, बिजली-पानी जैसी सुविधाओं से प्रभावित हुए। इसके अलावा, संगठन में विचारधारा से मोहभंग, परिवार से दूर रहने की मजबूरी और हिंसा से तंग आकर उन्होंने आत्मसमर्पण का फैसला किया।
प्रोत्साहन और पुनर्वास योजना के तहत दी गई राशि
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। उन्हें रोजगार, शिक्षा और सुरक्षित जीवन जीने के लिए हर संभव सहायता दी जाएगी।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक ने माओवादियों से की ये अपील
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने माओवादियों से अपील की है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटें। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वालों को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
इस अभियान में डीआरजी, बस्तर फाइटर्स, एसटीएफ, कोबरा और केरिपु बलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आत्मसमर्पण प्रक्रिया बस्तर रेंज के आईजी, दंतेवाड़ा रेंज के डीआईजी और बीजापुर एसपी के निर्देशन में पूरी की गई।