Bharatmala Project: छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना को लेकर एक अहम फैसला लिया गया है। रायपुर संभाग के आयुक्त महादेव कावरे ने आज संभाग के सभी कलेक्टरों के साथ बैठक कर मुआवजा प्रकाशन (Bharatmala Project) को अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं। इस निर्णय से मुआवजा वितरण में पारदर्शिता आएगी और आम जनता को यह जानने का अधिकार मिलेगा कि किसे कितना मुआवजा दिया गया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत दी गई मुआवजा राशि की सूची कल से जिला प्रशासन की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। यह जानकारी जनता के लिए सार्वजनिक की जाएगी। लोग 15 दिनों के भीतर दावा-आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। सिर्फ भारतमाला ही नहीं, सभी परियोजनाओं के मुआवजों का प्रकाशन किया जाएगा।
रायपुर-विजाग मार्ग में अधिग्रहण विवाद
भारतमाला योजना के अंतर्गत रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 किमी लंबी सड़क (Bharatmala Project) का निर्माण प्रस्तावित है। रायपुर से विशाखपट्टनम तक फोरलेन, और दुर्ग से आरंग तक सिक्सलेन सड़क बनाई जाएगी। इसके लिए कई किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया, लेकिन मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की गई है। यह मुद्दा विधानसभा के बजट सत्र 2025 में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने उठाया था, जिसके बाद जांच का निर्णय लिया गया।
हितग्राहियों को मिलेगा मुआवजा
भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत, यदि किसी किसान (Bharatmala Project) की 5 लाख रुपए कीमत वाली जमीन ली जाती है, तो उसे 5 लाख रुपए बाजार मूल्य, 5 लाख रुपए अतिरिक्त मुआवजा (SoLacium) और 10 लाख रुपए के ऊपर अतिरिक्त SoLacium, यानी कुल 20 लाख रुपए तक मुआवजा मिलेगा।
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2019 से अब तक का डाटा होगा संकलित
रायपुर और धमतरी जिलों में 2019 से अब तक के सभी मुआवजा मामलों का विवरण संकलित किया जा रहा है। यह कदम भविष्य में भ्रष्टाचार और भेदभाव के आरोपों को रोकने में मदद करेगा। आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे समयबद्ध रूप से सभी रिकॉर्ड को अपडेट करें और जनता तक सटीक जानकारी पहुंचाएं।
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