Advertisment

होली पर्व: बालोद में महिलाएं बना रहीं हर्बल गुलाल, आत्‍मनिर्भर बन कमा रही खूब पैसा, कैसे तैयार कर रहे अबीर

Holi 2025; Chhattisgarh Balod Women Group Success Story; छत्‍तीसगढ़ में बालोद जिले के ग्राम धनोरा में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाएं हर्बल गुलाल का निर्माण कर रही हैं। इस गुलाल की मांग राजधानी रायपुर में तेजी से बढ़ रही है

author-image
Sanjeet Kumar
Holi 2025 Herbal Gulal

Holi 2025 Herbal Gulal

हाइलाइट्स

महिलाओं ने 200 किलो गुलाल ऑर्डर पर भेजा 

फल, सब्जियों और फूलों से तैयार किया गुलाल 

एक किलो में 40 रुपए तक की आय हो रही

Holi 2025 Herbal Gulal: छत्‍तीसगढ़ में बालोद जिले के ग्राम धनोरा में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाएं हर्बल गुलाल का निर्माण कर रही हैं। इस गुलाल की मांग राजधानी रायपुर में तेजी से बढ़ रही है। अब तक 200 किलो गुलाल भेजा जा चुका है और निर्माण का कार्य लगातार जारी है। यह गुलाल (Holi 2025 Herbal Gulal) फल, सब्जियों और फूलों से तैयार किया जा रहा है, जिसमें पलाश के फूल, पालक की सब्जी और चुकंदर शामिल हैं।

Advertisment

धनोरा की महिलाओं ने हर्बल गुलाल (Holi 2025 Herbal Gulal) बनाने की एक अनोखी विधि विकसित की है, जिसमें किसी भी तरह के रसायन का उपयोग नहीं किया जाता। इस गुलाल को तैयार करने के लिए नीम, पालक, गेंदा, कनेर, पलाश और चुकंदर जैसे प्राकृतिक स्रोतों का इस्तेमाल किया जाता है। यह गुलाल न केवल त्वचा के लिए सुरक्षित है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाता।

महिलाओं की आय में वृद्धि

[caption id="attachment_773793" align="alignnone" width="622"]Holi Herbal Gulal हर्बल गुलाल तैयार करते हुए (फाइल फोटो)[/caption]

समूह की महिलाएं प्रति किलो गुलाल (Holi 2025 Herbal Gulal) पर 40 रुपए तक की आय अर्जित कर रही हैं। महिला यास्मीन खान ने बताया कि यह काम रोजी-मजदूरी से कहीं बेहतर है। वे इस कार्य को लेकर गौरवान्वित महसूस करती हैं, क्योंकि यह न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर रहा है।

Advertisment

बढ़ती मांग और व्यापारिक संभावनाएं

सहायक विकास विस्तार अधिकारी लक्ष्मी ठाकुर ने बताया कि ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित हर्बल गुलाल (Holi 2025 Herbal Gulal) की मांग बढ़ रही है। रायपुर के व्यापारियों से 200 किलोग्राम गुलाल का आर्डर प्राप्त हुआ है, जिसे वहां भेजा जा रहा है। हर्बल गुलाल का मूल्य 100 से 120 रुपए प्रति किलो रखा गया है।

ये खबर भी पढ़ें: Holi Bhai Dooj 2025 Kab se Kab Tak Rahegi: होली के बाद 16 मार्च को केवल इतने बजे तक रहेगा भाईदूज का मुहूर्त,

त्योहारी सीजन में बिक्री का लक्ष्य

[caption id="attachment_773796" align="alignnone" width="629"]CG Holi Herbal Gulal होली पर्व पर हर्बल गुलाल तैयार करती महिलाएं (फाइल फोटो)[/caption]

Advertisment

टीम मेंबर यारूनी साहू ने बताया कि महिलाओं का यह संगठन समय-समय पर इस तरह के काम करता है। होली के त्योहारी सीजन में उन्होंने जनपद में स्टाल लगाया है और 500 किलो से अधिक गुलाल बेचने का लक्ष्य रखा है।

पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

हर्बल गुलाल (Holi 2025 Herbal Gulal) के उपयोग से न केवल त्वचा की सुरक्षा होती है, बल्कि यह वायु और जल प्रदूषण को भी कम करता है। इसके साथ ही, यह ग्रामीण महिलाओं के स्वरोजगार को बढ़ावा देने में भी मददगार साबित हो रहा है। अब तक जिले में कुल 21 क्विंटल हर्बल गुलाल का निर्माण किया जा चुका है।

ये खबर भी पढ़ें: टीम इंडिया के चैंपियन बनते ही खुद को रोक नहीं पाए गावस्कर… ग्राउंड पर जमकर किया डांस, 75 की उम्र में युवाओं को दी मात

Advertisment
Herbal Gulal Holi 2025 Natural Holi Colors Balod Women Entrepreneurs
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें