RAIPUR:छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मियों की हड़ताल को 62 दिन पूरे हो गए हैं।प्रशासन ने उनके इस रवैये को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है।कार्रवाई करते हुए मनरेगा योजना में कार्य करने वाले 21 सहायक परियोजना अधिकारियों की सेवा समाप्त कर दी है।और इनके बदले नियमित परियोजना अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।शासन के इस कदम के बाद आंदोलनरत संविदाकर्मियों में खासी नाराजगी देखी जा रही है।
आंदोलनरत संविदाकर्मियों ने जताया रोष
आंदोलनरत संविदाकर्मियों कहना है कि जन घोषणा घोषणा पत्र में यह वादा किया गया था की समस्त संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण और किसी भी संविदा कर्मचारी की छटनी नहीं की जाएगी। लेकिन इसके विपरीत 62 दिनों से जन घोषणा पत्र को आत्मसात करने की मांग को लेकर हड़ताल में बैठे मनरेगा कर्मियों की सेवा समाप्त करना अलोकतांत्रिक रवैया का परिचायक है, छत्तीसगढ़ में स्थिति अब ऐसी बनती जा रही है कि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल भी नहीं कर पाएंगे।वहीं आदेश वापस नहीं होने पर छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ द्वारा उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।और कई कार्यकर्ताओं ने गुस्सा जताते हुए कहा कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं की गईं तो उग्र आंदोलन होगा और आदेश की कॉपी जलाई जाएगी.…
ये रहा आदेश-