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Central Park Project Controversy: भोपाल में सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें कई बड़े अधिकारियों और नेताओं की जमीनें शामिल पाई गई हैं। इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई में सामने आया कि इस प्रोजेक्ट में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के बेटे हर्ष देवड़ा, पूर्व मंत्री और विधायक भूपेंद्र सिंह, सीहोर विधायक सुदेश राय व अन्य की जमीनें शामिल हैं।
मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। इसपर पलटवार करते हुए पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हां मेरा प्लॉट है इसमें गलत क्या है?
आईटी की बड़ी कार्रवाई
18 दिसंबर को इनकम टैक्स विभाग ने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के मालिक राजेश शर्मा के खिलाफ छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में राजेश शर्मा की 375 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति अटैच की गई। राजेश शर्मा का कुणाल बिल्डर्स के साथ सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट में जॉइंट वेंचर है।
कांग्रेस का सरकार पर हमला
इस खुलासे के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सेंट्रल पार्क में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और विधायक सुदेश राय सहित कई बड़े अफसरों की जमीनें हैं। पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने क्या कहा
मैंने अपने नाम से प्लॉट खरीदा, चेक से पेमेंट किया, कौन सा अपराध किया, हमने कोई बेनामी नाम से नहीं खरीदा है। उन्होंने कहा मैंने घर खरीदने के लिए प्लॉट खरीदा है पूरे भोपाल में मेरा कोई प्लॉट नहीं है। तो मैं जीतू पटवारी से पूछना चाहता हूं इसमें गलत क्या है।
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने क्या कहा
इस मामले में पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने प्लॉट चेक से खरीदा है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने जीतू पटवारी पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया और कहा कि वह उनके खिलाफ मानहानि का नोटिस जारी करेंगे।
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सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट की पृष्ठभूमि
सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट (Central Park Project Controversy) भोपाल के तालाब के ग्रीन बेल्ट और लो डेंसिटी एरिया में स्थित है। यह प्रोजेक्ट कुणाल बिल्डर्स द्वारा विकसित किया जा रहा है। पिछले कई वर्षों से इस प्रोजेक्ट को लेकर विवाद चल रहा था, लेकिन 2012 में राजेश शर्मा और कुणाल बिल्डर्स के बीच एग्रीमेंट के बाद इसे परमिशन मिल गई थी। इस प्रोजेक्ट में बड़े नामों के शामिल होने के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। अब देखना होगा कि आगे इस मामले में क्या कदम उठाए जाते हैं।
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