Local Train Control Transfer: केंद्र सरकार जल्द हीं सब-अर्बन या लोकल ट्रेनों को भारतीय रेल नेटवर्क से अलग करके राज्यों को सौंपने का फैसला ले सकती है।
यानि ईएमयू-एमईएमयू-डीएमयू या लोकल ट्रेनों (जो 200 किमी तक की यात्राएं करतीं हैं) के फेरे, किराया और स्टॉपेज आदि राज्य सरकारों को तय करने की अनुमति होगी। हालांकि, इन ट्रेनों का परिचालन और ऑपरेशनल काम रेलवे के अधीन हीं होगा।
रेलवे की माली हालत को सुधारने के लिए नीति आयोग ने तैयार किया रिपोर्ट
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा है कि नीति आयोग ने इसके लिए एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें यह सुझाव दिया गया है कि रेलवे अपनी माली हालत सुधारने के लिए यह अहम फैसला ले सकता है।
रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इसमें वित्तीय आयोमों को ध्यान में रखते हुए लंबे समय तक सुचारु रुप से ऑपरेशन को परखा गया है।
इसके साथ हीं यह भी सिफारिश की गई है कि सब-अर्बन सेक्टर में अब और लाइट ट्रेनों का परिचालन किया जाए।
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कुछ शहरों में लोकल ट्रेनों की संख्या बढाने की चल रही मांग
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकारें रेलवे से अक्सर यह मांग करती रही हैं कि उनके राज्य में लोकल ट्रेनों की संख्या बढाई जाए।
ऐसी स्थिति में लोकल ट्रेनों की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को देना (Local Train Control Transfer)एक अच्छी पहल हो सकती है और यही व्यवहारिकता भी है। हालांकि ऑपरेशनल काम रेलवे के अधीन ही होगी।
सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्य सरकारों से इसकी बात चल रही है। साथ हीं राज्य सरकारों का भी रुख सकारात्मक प्रतीत हो रहा है।
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