(Report: अभिषेक सिंह)
Cm Yogi gift Cattle Farmers Warehouses: वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल के पशुपालकों को योगी और मोदी सरकार की ओर से बड़ी खुशखबरी मिली है। केंद्र की मोदी सरकार,राज्य की योगी सरकार और बनास डेरी के संयुक्त प्रयास से पशुपालकों की आय में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी होने वाली है। अभी तक इंसानों में टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म लेने के बारे में अपने सुना और देखा होगा लेकिन वाराणसी जैसे शहर में इस काम मे लगे डॉक्टरों की टीम ने न आइवीएफ से भ्रूण तैयार कर ईटीटी (भ्रूण प्रत्यारोपण प्रक्रिया) के माध्यम से बछिया का सफलतापूर्वक जन्म भी कराया।
पशुओं में आईवीएफ की जरूरत क्यो पड़ी?
भारत जैसे जनसंख्या वाले देश में दूध की उत्पादकता और वितरण प्रणाली को बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से प्राकृतिक तरीके से गर्भाधान के अलावा कितनी तरीके से गर्भाधान जिसमें आईवीएफ प्रमुख है को शुरू किया गया जिसके जरिए गाय में भ्रूण स्थापित किया गया,जिसमे जन्म लेने वाला मादा ही होता है,की संभावना 99 प्रतिशत होती है।
पशुओं में आईवीएफ क्या होता है?
बेहतर प्रजाति के उच्चतम नस्ल के नर के वीर्य और मादा के अंडे से भ्रूण के प्रयोगशाला में निर्माण किया जाता है। इसके बाद पूरे वैज्ञानिक पद्धति से भ्रूण को इस प्रजाति के गायों में स्थापित किया जाता है जिस प्रजाति का भ्रूण होता है के बाद पशुपालकों के साथ डॉक्टरों की टीम लगातार उसकी निगरानी भी करती रहती है।
45 गायों पर किया गया परीक्षण
वाराणसी जिले के आठ विकासखंड के अलग-अलग गांव में देसी और विदेशी नस्ल की प्रजाति के 45 गायों पर इसका परीक्षण किया गया। जिसमे 8 गायों पर हुए परीक्षण पर सफलता पाई गई। जिसका मुख्य कारण पशुपालकों का डॉक्टरों के साथ बेहतर समन्वय नही हो पाना बताया गया,लेकिन डॉक्टरों की टीम पशुपालकों के साथ बेहतर तालमेल के साथ भविष्य में सफलता दर को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
मात्र एक हजार रुपये में पशुपालकों को मिलेगा लाभ
आईवीएफ तकनीक को लागू करने की लागत प्रति गाय पर खर्च 21 हजार रुपए आकी गई है जिसमें ₹5000 का अनुदान राष्ट्रीय गोकुल मिशन एवीआईपी.आईवीएफ योजना के अंतर्गत प्रदान किया जाता है, 5000 हजार रुपया बनास डेयरी और 10000 का अनुदान राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे है नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत दिया जाता है बाकी 1000 हजार रुपये की राशि पशुपालक को वहन करना होगा है।
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काशी के इन पशुपालकों को मिला योजना का लाभ
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत संचालित ए.बी.आई.पी : आई. वी. एफ./ई. टी. टी योजनांतर्गत वाराणसी जनपद के आराजी लाइन्स ब्लॉक के रूपापुर गांव के किसान प्रमोद शुक्ला के यहां 9 अप्रैल 2024 में साहीवाल नस्ल की गाय का भ्रूण प्रत्यारोपण किया गया था जिससे 15 जनवरी को एक उन्नत नस्ल की बछिया का जन्म हुआ है तो ग्राम पचाई,जक्खिनी के प्रमोद कुमार सिंह जी के यहां भी भ्रूण प्रत्यारोपण से इसी माह बछिया (मादा) का जन्म हुआ है।
इनके सहयोग से डॉक्टरों की टीम कर रही है काम
इस तकनीकी कार्य को वाराणसी के डॉ योगेश उपाध्याय (प्रभारी उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी,राजातालाब), डॉ गौरव तिवारी,डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह,डॉ अभिनव सिंह की टीम उत्तर प्रदेश पशुधन विकास(यू.पी.एल.डी.बी.), बनास डेयरी,पालनपुर गुजरात और एन.डी.एस के समन्वय से कर रही है।