हाइलाइट
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कैडर रिव्यू मीटिंग नहीं होने के मामले में जबलपुर केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण (CAT) ने सख्ती दिखाई है।
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CAT ने केंद्र, राज्य सरकार सहित 5 विभागों को नोटिस जारी कर 19 मार्च तक जवाब मांगा है।
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CAT ने कहा कि केंद्र सरकार यह बताएं कि इतनी धीमी गति से कैडर रिव्यू क्यों हो रहा है?
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रिव्यू नहीं होने से MP के 200 पुलिस अफसरों के प्रमोशन अटके हुए हैं।
भोपाल। MP Cadre Review Meeting: मध्य प्रदेश के पुलिस अफसरों के 15 सालों से कैडर रिव्यू मीटिंग नहीं होने के मामले में जबलपुर केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण (CAT) ने सख्ती दिखाई है।
CAT ने केंद्र, राज्य सरकार सहित 5 विभागों को नोटिस जारी कर 19 मार्च तक जवाब मांगा है। रिव्यू नहीं होने से 200 पुलिस अफसरों के प्रमोशन अटके हुए हैं।
ये है पूरा मामला
मध्य प्रदेश स्टेट पुलिस ऑफिसर एसोसिएशन ने केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण में एक याचिका दायर की है। इसी मामले में अभिकरण ने सरकारों को तलब किया है।
CAT ने केंद्र, राज्य सरकार सहित 5 विभागों को नोटिस जारी किया, 19 मार्च तक मांगा जवाब#CentralAdministrativeTribunal #MPNews @CMMadhyaPradesh @JansamparkMP pic.twitter.com/i9riQUP9m0
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) January 25, 2024
केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण (केट) जबलपुर ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस देकर जवाब मांगा है कि राज्य पुलिस कैडर से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) पदोन्नति के लिए हर 5 वर्ष में होने वाली कैडर रिव्यू मीटिंग (MP Cadre Review Meeting) को वर्ष 2008 से अभी तक क्यों नहीं की गई है।
केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण में मध्य प्रदेश स्टेट पुलिस ऑफिसर एसोसिएशन के द्वारा यह याचिका दायर की गई है।
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कई तो प्रमोशन के इंतजार में रिटायर हो गए
याचिका ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष और साइबर क्राइम इंदौर के एसपी जितेंद्र सिंह ने दायर की है।
इस याचिका में यह मांग की गई है कि 2008 से कैडर रिव्यू मीटिंग (MP Cadre Review Meeting) नहीं होने से मध्य प्रदेश पुलिस के विभिन्न पदों में भर्ती किये गए कई अधिकारियों की पदोन्नति नहीं हुई है।
ये अफसर एडिशनल एसपी के पद तक पहुंच गए हैं, लेकिन उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में कैडर रिव्यू से पदोन्नत नहीं किया गया है।
संगठन का आरोप है कि 2008 से बहुत से पुलिस अधिकारी रिटायर हो गए हैं, लेकिन पदोन्नति नहीं हो पाई, इसलिए अब जल्दी ही पदोन्नति के लिए कैडर रिव्यू मीटिंग की जाए।
जानिए क्या है मामला
मध्य प्रदेश पुलिस ऑफिसर एसोसिएशन एक गजेटेड ऑफिसर एसोसिएशन है। इसमें वह सभी पुलिस ऑफिसर्स शामिल हैं, जो डीएसपी, सीएसपी और एसडीओपी के रूप में नियुक्त होते हैं।
इन्हें एडिशनल एसपी की पोस्ट भी दे दी जाती है। इनका प्रमोशन आगे हो ही नहीं सकता।
यूपीएससी के माध्यम से होने वाली आईपीएस भर्ती में एक हिस्सा उन अफसरों का है, जो राज्यों से स्टेट पुलिस सर्विसेज में भर्ती हुए हैं और सीनियर होने के बाद उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के लिए मान्य किया जाता है।
कितने ऑफिसर आईपीएस के लिए नियुक्त किया जा सकते हैं, इसका निराकरण संबंधित राज्य शासन और केंद्र सरकार के समन्वय से होता है।