हाइलाइट्स
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पांच साल में बने जाति प्रमाण-पत्र की होगी जांच
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फर्जी जाति प्रमाण-पत्र बनाए जानें की शिकायत
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जाति प्रमाण पत्र के लिए निवास रिकॉर्ड जरूरी
CG Caste Certificate: कलकत्ता हाईकोर्ट ने ओबीसी के जाति प्रमाण-पत्र रद्द कर दिए हैं। यह जाति प्रमाण-पत्र पिछले 10 सालों में बनाए गए उन्हें रद्द कर दिया गया है।
इस का असर छत्तीसगढ़ में भी हुआ है। छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने भूपेश बघेल की पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान बने जाति प्रमाण-पत्रों की जांच करने का निर्णय लिया है।
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार के पिछले पांच सालों में बने जाति प्रमाण-पत्र की जांच के निर्णय पर अब सियासी बवाल मच गया है।
इसको लेकर सरकार और विपक्ष में बयानबाजी तेज हो गई है। इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है।
वहीं जाति प्रमाण-पत्र (CG Caste Certificate) की जांच को लेकर गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी बड़ा बयान दिया है और कांग्रेस की पिछली सरकार पर जमकर हमला बोला है।
कांग्रेस ने थोपी जातिप्रथा: शर्मा
छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार भी अब पिछले पांच सालों में बने एसटी, एससी और ओबीसी के जाति प्रमाण-पत्रों (CG Caste Certificate) की जांच करेगी। इसको लेकर गृहमंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने पिछली कांग्रेस की सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा- बीते 4 से 5 साल में हिंदुओं में थोपी गई जातिप्रथा है। कांग्रेस लोगों को बांटना चाहती है।
उन्होंने कहा कि मूलत: वह मानते नहीं, कहीं प्रमाण-पत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस धर्म में जाति की व्यवस्था नहीं है, उस धर्म में आप SC, ST, OBC (CG Caste Certificate) बनाएंगे।
यदि ऐसा किया है तो यह लोगों के अधिकार का हनन है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पिछले कुछ सालों में ओबीसी सर्टिफिकेट बनाए गए हैं।
इस मुद्दे को सीएम के संज्ञान में लाकर जांच कराएंगे। जाति प्रमाण-पत्र केवल वोट बैंक के लिए बनाया गया है।
SC, ST, OBC विरोधी सरकार
छत्तीसगढ़ में जाति प्रमाण-पत्रों (CG Caste Certificate) जांच को लेकर बीजेपी की विष्णुदेव साय सरकार पर कांग्रेस ने जमकर हमला बोला है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी की सरकार SC, ST, OBC विरोधी सरकार है। इस सरकार को इन समुदाय के लोगों को जवाब देना चाहिए।
ये सरकार SC, ST, OBC के विरोध में काम कर रही है।
बड़ी संख्या में बने फर्जी प्रमाण-पत्र
डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 5 सालों में जो भी जाति प्रमाण-पत्र (CG Caste Certificate) बनाए गए हैं, इसकी जांच की जाएगी।
फर्जी प्रमाण-पत्र (CG Caste Certificate) बनाए जाने को लेकर काफी शिकायतें मिली हैं, इन शिकायतों के बाद जांच कराने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि ये फर्जी जाति प्रमाण-पत्र पिछले 5 सालों में नगरीय निकायों में सबसे ज्यादा बनाए गए हैं। राज्य की सरकार ऐसे सभी फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों की जांच कराएगी।
अब नहीं बन रहे जाति प्रमाण-पत्र
जाति प्रमाण-पत्रों (CG Caste Certificate) की जांच के मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि BJP सरकार ST, SC, OBC की विरोधी सरकार है।
जब से छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनी है, तबसे जाति प्रमाण-पत्र बनना ही बंद हो गए हैं। विजय शर्मा एक भी शिकायत बता दें और जांच किस आधार पर करेंगे यह भी बता दें।
बीजेपी सरकार सिर्फ जांच के नाम पर लोगों को गुमराह करना चाहती है।
ओबीसी सर्टिफिकेट किए रद्द
बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने ओबीसी जाति प्रमाण-पत्र (CG Caste Certificate) को लेकर हाल ही में बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट की जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस राजशेखर मंथा की बेंच ने ये फैसला सुनाया है।
यह फैसला उस याचिका पर दिया है, जिसमें ओबीसी प्रमाण-पत्र देने की प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी। इस फैसले से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार में जो भी ओबीसी सर्टिफिकेट बने हैं, वे सभी रद्द कर दिए गए हैं।
कोर्ट ने 2010 के बाद दिए गए सभी प्रमाण-पत्र को रद्द करने का आदेश जारी किया है। बता दें कि 2011 से ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं।
कहीं आपने भी ये गलती तो नहीं की?
जाति प्रमाण-पत्र (CG Caste Certificate) बनवाने के लिए लोक सेवा केंद्रों और तहसील कार्यालय में सबसे पहले आवेदन देना पड़ता है। इस आवेदन में कई तरह की सावधानी बरतनी पड़ती है।
इस प्रमाण-पत्र को बनवाने के लिए जो रिकॉर्ड मांगा गया था, क्या उसकी जानकारी आपने दी है, यदि दी है तो फिर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।
इसके अलावा यदि आपने कोई जानकारी छिपाई है तो फिर आपका जाति प्रमाण-पत्र रद्द हो सकता है-
जाति प्रमाण-पत्र बनाने से पहले तहसील आपसे स्थानीय या प्रदेश में 50 साल से ज्यादा समय तक निवास करने का रिकॉर्ड मांगती है। ये देना जरूरी है।
अपने परिवार के नाम की जमीन का रिकॉर्ड, सरपंच की टीप, जिसमें लिखा हो गांव में रहने की जानकारी, पटवारी के द्वारा आय और जमीन की जानकारी जो देना जरूरी है।
अपने धर्म और समुदाय, जाति की जानकारी क्या आपने सही दी है। आपकी जाति और उपजाति का भी उल्लेख करना जरूरी है।
इसके साथ ही राशन कार्ड, वोटर कार्ड, माता-पिता की समग्र आईडी समेत मूल निवासी प्रमाण-पत्र और निवास का रिकॉर्ड देना अनिवार्य है।