मथुरा (उप्र), 24 दिसंबर (भाषा) केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन तथा तीन अन्य की गिरफ्तारी से संबंधित मामले की सुनवाई अब अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-प्रथम करेंगे, क्योंकि यहां की एक अदालत ने व्यवस्था दी कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मामले की सुनवाई करने तथा आरोपियों के रिमांड संबंधी आदेश देने में सक्षम प्राधिकार नहीं हैं।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवंत कुमार मिश्रा द्वारा इस सप्ताह के शुरू में दिए गए आदेश में कहा गया है, ‘‘मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, मथुरा तत्काल सभी रिकॉर्ड, रिमांड दस्तावेज, इत्यादि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-प्रथम को स्थानांतरित करना सुनिश्चित करेंगे।’’
मिश्रा ने कहा कि मामले में आगे की सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-प्रथम की अदालत में जारी रहेगी।
पत्रकार कप्पन और तीन अन्य को मथुरा पुलिस ने पांच अक्टूबर को उस समय गिरफ्तार किया था जब वे हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे थे। इस लड़की की बाद में दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबंधों के आरोप में कप्पन, अतीक उर रहमान, आलम और मसूद को भारतीय दंड संहिता तथा गैर कानूनी (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत नामजद किया गया था।
मामले में शुरुआती जांच मथुरा पुलिस की अपराध शाखा ने की थी, लेकिन बाद में जांच उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को सौंप दी गई थी।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार इस तरह के मामलों में सत्र न्यायाधीश की अदालत के सिवाय कोई अन्य अदालत सुनवाई नहीं कर सकती।
यह आदेश पुलिस उपाधीक्षक (एसटीएफ), गौतम बुद्ध नगर के उस आवेदन पर पारित किया गया जिसमें मामले को सत्र न्यायाधीश को स्थानांतरित करने का आग्रह किया गया था।
बचाव पक्ष के वकील मधुबन दत्त चतुर्वेदी ने कहा कि उन्होंने रिमांड पर सुनवाई के दौरान मामले को उठाया था, लेकिन इसे न्यायाधीश ने खारिज कर दिया था।
उन्होंने कहा कि अतीक उर रहमान तथा अन्य की ‘‘अवैध हिरासत’’ के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
भाषा
नेत्रपाल पवनेश
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