हाइलाइट्स
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दो चरणों में जारी किया था विज्ञापन
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39 में से 36 पदों पर की गई नियुक्ति
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अयोग्य को भर्ती करने का आरोप
Assistant Professor Bharti: महात्मा गांधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसरों की फर्जी नियुक्ति के मामले में नया अपडेट सामने आया है।
पहले फर्जी नियुक्ति के मामले में विवि के कुलपति को हटा दिया गया है। अब असिस्टेंट प्रोफेसरों पर गाज गिर सकती है। इसको लेकर नया अपडेट सामने आया है।
बता दें कि सहायक प्राध्यापकों की फर्जी तरीके से नियुक्ति की गई है। फर्जी नियुक्ति के आरोप में कुलपति को हटा दिया गया है।
अब असिस्टेंट प्रोफेसरों (Assistant Professor Bharti) पर कार्रवाई हो सकती है। बता दें कि विश्वविद्यालय में 36 सहायक प्राध्यापकों की फर्जी नियुक्ति के आरोप सामने आए हैं। जिसकी जांच चल रही है।
बिना योग्यता के कर दी नियुक्ति
विवि ने पिछले साल दो चरणों में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती (Assistant Professor Bharti) के लिए आवेदन मांगे थे। आवेदन 36 पदों के लिए मांगे गए थे।
यूजीसी नियमों के अनुसार, सहायक प्राध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी का नेट क्वालिफाई होना और पीएचडी डिग्री होना अनिवार्य था।
इस भर्ती प्रक्रिया में कुलपति प्रो. कुरील ने ऐसे कैंडिडेट्स को नियुक्ति प्रदान कर दी, जो कि अयोग्य थे, उनके पास पीएचडी की डिग्री व नेट क्वालिफाई भी नहीं थे।
इस मामले में राजभवन से 10 मई को एक आदेश जारी हुआ था, जिसमें कुलपति को पद से हटा दिया गया था।
छत्र संगठनों ने की थी शिकायत
असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती (Assistant Professor Bharti) इस साल जनवरी महीने में की गई थी। इस नियुक्ति के बाद से प्राध्यापक के पद पर सभी नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
इस भर्ती के बाद छात्र संगठनों ने इस भर्ती घोटाले की शिकायत की थी। छात्र संगठनों ने इस असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू कराने की मांग भी की गई थी।
छात्र संगठनों के अलावा इन पदों के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स ने भी इस भर्ती की जांच की मांग की थी।
योग्यता की जांच होगी
जानकारी मिली है कि 36 पदों पर हुई असिस्टेंट प्रोफेसरों की फर्जी नियुक्ति (Assistant Professor Bharti) वाले मामले की जांच होगी। इस मामले में सभी सहायक प्राध्यापकों की योग्यता की जांच की जाएगी।
इसके साथ ही विवि द्वारा निकाले गए नोटिफिकेशन की भी जांच की जाएगी। इसके अनुसार यूजीसी नियमों का कितना पालन किया गया, इसका भी ध्यान रखा जाएगा।
प्राध्यापकों की योग्यता की जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
कुलपति का पद हुआ रिक्त
कुलपति डॉ. रामशंकर कुरील हो हटाए जाने के बाद संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग को प्रभार दिया गया है। उद्यानिकी विवि में कुलपति की नियुक्ति 2022 में की गई थी।
बतौर कुलपति उनका तीन वर्ष से अधिक का कार्यकाल बचा हुआ था। अब विवि में कुलपति का पद रिक्त हो गया है।
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दो चरण में मांगे गए थे आवेदन
एक साल पहले अप्रैल 2023 में उद्यानिकी विवि ने पहला नेटिफिकेशन निकाला। इसमें 3 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। इसके बाद दूसरा विज्ञापन जुलाई महीने में निकाला गया।
इसमें 36 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। इस तरह से कुल 39 पदों पर भर्ती (Assistant Professor Bharti) होनी थी, लेकिन नियुक्ति सिर्फ 36 पदों पर ही की गई।
ऐसा नहीं है कि इन पदों के लिए विवि को योग्य अभ्यर्थियों के आवेदन नहीं मिले। नेट उत्तीर्ण होने के साथ ही पीचडी डिग्री धारियों ने भी आवेदन किया था, लेकिन उन्हें नजर अंदाज कर गैर पीएचडी डिग्रीधारियों की नियुक्ति कर दी गई।
मामला सामने आने के बाद अन्य आवेदनकर्ताओं ने भी विरोध जताया था।