नई दिल्ली। अक्सर यह कहा जाता है कि Buttermilk Benefits दही की अपेक्षा छाछ अधिक फायदेमंद होती है। डाक्टर्स भी दही की बजाए छाछ पीने की सलाह देते हैं। दही में सिर्फ पानी मिलाएं जाने से उसमें ऐसा क्या होता है कि छाछ शरीर को ज्यादा बेनिफिट देने लगती है। आपने जानने की कोशिश की है। इसके पीछे का कारण क्या है। अगर नहीं तो आइए आज हम आपको बताते हैं इसके पीछे की मुख्य वजह क्या है।
इसलिए होता है ऐसा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डाइटिशियन्स की मानें तों छाछ, दही से अधिक लाभदायक होता है। वो इसलिए कि होता ये है जब हम दही में पानी मिक्स करके उसे मथते है तो दही को प्रोटीन ब्रेक यानी टूट जाता है। जो पेट के द्वारा पचाने में आसान होता है। यही कारण है कि छाछा को पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद माना जाता है। इतना ही नहीं यह एक बेहतर हाइड्रेटर का काम भी करता है। जो फ्लूइड रिप्लेसमेंट में सबसे ज्यादा सहायक होता है। ये बात भी सही है कि छाछ की अपेक्षा प्रोटीन में दही में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। जिन्हें कैल्शियम की कमी हो उन्हें दही अधिक मात्रा में उपयोग करना चाहिए। दही और छाछ दोनों में ही विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
शरीर की स्थिति पर निर्भर है उपयोग
दही और छाछ में अंतर सिर्फ इतना है कि इन्हें शारीरिक स्थिति के अनुसार उपयोग किया जाना चाहिए। डाक्टर्स भी बीमारियों के आधार पर ही इसके उपयोग की सलाह देते हैं। कई बीमारियों में दही खाने की सलाह भी दी जाती है। जिसे नकारा नहीं जा सकता है।
ये रहे छाछ के फायदे —
छाछ एक ऐसा पेय पदार्थ है जो डिहाइड्रेशन से लड़कर पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। कई चिकित्सक एसिडिटी में भी छाछ का उपयोग करने की सलाह देते हैं। यह मसालेदार भोजन के बाद पेट की जलन को शांत करने में मदद करता है। वेट कम करने के लिए भी इसका उपयोग अच्छा विकल्प साबित होता है। कैल्शियम का अच्छा सोर्स होने के कारण ये शरीर के लिए लाभदायक होता है। इसके उपयोग से शरीर में विटामिन की कमी भी पूरी हो जाती है।